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देअविवि कुलपति का नाम फायनल होने की अंतर्कथा
-संघ और परिवार के ऊंचे कनेक्शन ने राह आसान कर दी डॉ रेणु जैन
(कीर्ति राणा)
देअविवि में लगी धारा 52 और कुलपति चयन की अनिश्चितता का कोहरा अंतत: छंट गया है।आनंदीबेन पटेल ने मप्र की पूर्व राज्यपाल-कुलाधिपति होने से पहले जिन डॉ रेणु जैन को देअविवि का कुलपति नियुक्त किया है वे आरएसएस की विचारधारा के अधिक नजदीक हैं।इस नियुकति के बाद मप्र के विश्वविद्यालयों में जीवाजीराव विवि का भी दबदबा बढ़ गया है।देअविवि में आए दिन चलने वाले आंदोलनों का पहली महिला कुलपति के रूप में वे कितनी दबंगता से सामना करेंगी यह तो वक्त बताएगा लेकिन जीवाजी विवि की कुलपति प्रो संगीता शुक्ला के अवकाश पर रहने की स्थिति में डॉ रेणु प्रभारी कुलपति के रूप में जीवाजीराव विवि का कामकाज देख चुकी हैं।
चूंकि देअविवि में धारा 52 के तहत कुलपति डॉ धाकड़ की बर्खास्तगी के बाद डॉ रेणु जैन को मनोनीत किया गया है, इसलिए माना जा रहा है कि उनकी नियुक्ति एक वर्ष के लिए प्रभावी रहेगी।विधिवत कुलपति चयन की प्रक्रिया में कुलपति पद के लिए विधिवत आवेदन आमंत्रित किए जाकर
चयन समिति (एक कार्यपरिषद सदस्य, यूजीसी प्रतिनिधि और एक वरिष्ठतम प्रोफेसर)आवेदकों से चर्चा कर तीन या अधिक नामों का पेनल राजभवन को भेजती है,इन्हीं नामों में से किसी एक के नाम को कुलाधिपति द्वारा मंजूरी दी जाती है।साथ ही विवि कार्यपरिषद सदस्यों का मनोनयन भी राजभवन द्वारा कर दिया जाता है।आनंदीबेन ने सिर्फ कुलपति के नाम को मंजूरी दी है।
-डॉ रेणु जैन का नाम ऐसे हुआ फायनल
राजभवन और राज्य सरकार के बीच जिन प्रस्तावित नामों को लेकर करीब एक माह से टकराव चल रहा था उनमें डॉ रेणु जैन का नामभी था लेकिन इसी नाम को राजभवन से मंजूरी मिल जाएगी यह तय नहीं था। राजभवन का झुकाव जेएस ठाकुर के नाम पर था लेकिन 1956 में जन्मीं और जीवाजीराव विवि में मैथेमेटिक्स की प्रोफेसर सुश्री रेणु जैन के लिए आरएसएस कनेक्शन और आयएएस भाई अनुराग जैन का पीएमओ कार्यालय में पदस्थ रहना फायदेमंद रहा।आईएएस जैन मपर में तो तत्तकालीन सीएम शिवराज सिंह के भरोसेमंद अधिकारी थे ही केंद्र में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली की टीम में भी रहे हैं आईटी स्कील वाले अनुराग जैन। मप्र में आरएसएस के क्षेत्रीय प्रचारक अरुण जैन से रिश्तेदारी जैसे कारणों के चलते राजभवन को डॉ जैन के नाम पर दस्तखत करना पड़े।
-जीवाजीराव विवि का दबदबा
इस नियुक्ति से एकबार फिर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में जीवाजीराव विवि का दबदबा कायम हुआ है। वहां कुलपति प्रो संगीता शर्मा पदस्थ हैं, उनके साथ कुलाधिसचिव रहे प्रो आरजे राव बरकतुल्ला विवि भोपाल में वीसी पदस्थ हैं और अब जीवाजीराव विवि में स्कूल ऑफ मैथेमेटिक्स की विभागाध्यक्ष डॉ रेणु जैन देअविवि की वीसी होंगी, वे आज शुक्रवार दोपहर को पदभार ग्रहण कर रही हैं।