एमवायएच में आयुष्मान की अखंड ज्योत से गरीब मरीजों के चेहरों पर राहत का उजाला
(कीर्ति राणा)
मध्यप्रदेश । केंद्र सरकार द्वारा गरीब मरीजों के लिए पांच लाख तक के स्वास्थ्य बीमा वाली आयुष्मान योजना का पूरे मप्र में सर्वाधिक लाभ एमवायएच इंदौर में दाखिल होने वाले मरीजों को मिल रहा है।पहले 1350 बीमारियों के उपचार को बढ़ाकर केंद्र ने 1485 बीमारियों का पैकेज कर दिया है। इसकी सबसे बड़ी वजह है आयुष्मान काउंटर का चौबीस घंटे खुला रहना। प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजो से संबंद्ध अस्पतालों की अपेक्षा एकमात्र एमवायएच ऐसा है जहां चौबीस घंटे आयुष्मान काउंटर खुला रहता है।
आयुष्मान योजना के तहत कार्डियक और किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा अन्य सभी बीमारियों के उपचार, कूल्हा प्रत्यारोपण के साथ ही न्यूरो सर्जरी, पेरालिसिस ट्रीटमेंट आदि का खर्च आयुष्मान योजना के तहत केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है। एमवायएच अधीक्षक-आयुष्मान के सीईओ डॉ पीएस ठाकुर ने प्रजातंत्र से चर्चा में कहा मरीज इस योजना के तहत उपचार की पात्रता रखता है तो उसे एक धेला खर्च नहीं करना है। एमवायएच में दाखिल होने से डिस्चार्ज होने तथा बाद की दवाइयों आदि का खर्च इसी योजना में समाहित किया जाता है।यदि मरीज यहां दाखिल होता है तो परिजन अस्पताल के भारीभरकम बिल भुगतान के तनाव से मुक्त रहते हैं।
तीन शिफ्ट में चौबीस घंटे आयुष्मान काउंटर खुले रखने का मरीजों को यह फायदा है कि वे चाहे जब अस्पताल में दाखिल हो सकते हैं।यदि उसके पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और संबल कार्ड, एक रुपए किलो गेहूं वाली खाद्यान्न पर्ची, 2011 में हुए जनगणना सर्वे का दस्तावेज, नगर निगम द्वारा जारी समग्र आयडी, आधार कार्ड या उसका नंबर भी याद है तो उसे सारे लाभ की पात्रता मिल सकती है। उसके पास कोई एक दस्यतावेज भी नहीं है तो उसके थंब इंप्रेशन लेकर काउंटर से आयुष्मान कार्ड बना कर उसे हाथोंहाथ उपलब्ध भी करा दिया जाता है।रोगी कल्याण समिति के तहत दाखिल होने वाले मरीजों से हर मंजिल पर वहां पदस्थ स्टॉफ भी जानकारी एकत्र कर लेता है कि वह आयुष्मान योजना से जुड़ा है या नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने 24 सितंबर 2018 को आयुष्मान योजना घोषित की तब से अब तक अकेले एमवायएच में ही 5415 मरीज दाखिल हुए हैं।इनमें से 4581, इलाज करा चुके हैं और इनके उपचार पर 5 करोड़ 87 लाख 26हजार 200 रु खर्च हुए हैं। इस क्लेम राशि में से 5 करोड़ 42,37500 मंजूर किया गया। डिस्चार्ज हुए 3076 मरीजों के उपचार की क्लेम राशि 3 करोड़ 73लाख 7350रु अस्पताल के खाते में जमा भी हो चुकी है।
-डेवलप किए सॉफ्टवेअर में सुरक्षित है डॉटा
देश के अस्पतालों में चल रही आयुष्मान योजना के डॉटा को सुरक्षित रखने के लिए केंद्र द्वारा कई बार इसमें परिवर्तन किया जाता है लेकिन इस सबसे भी एमवायएच में परेशानी नहीं होती।फार्मासिस्ट रामेश्वर चंदेल और विपिन वालुस्कर ने इसका सॉफ्टवेअर स्थानीय स्तर पर डेवलप कर लिया है।योजना का संचालन करने वाली कंपनी विडाल (अहमदाबाद) या सरकार एमवायएच में संचालित इस योजना से जुड़ी कोई जानकारी आधीरात में भी मांग ले तो कोई परेशानी नहीं होती।