‘भोपू’ से मप्र के इंदौर के लोगों की समास्याएं हो रही दूर
अनोखा प्रयोग जिसने बदल दी लोगो की जिंदगी
(कीर्ति राणा)
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी इंदौर के वार्डों में मोहल्ला समितियां आज तक नहीं बन पाई हैं।ऐसे में निगम अधिकारी से लेकर वार्डों के पार्षद तक रहवासियों की परेशानियों से आंखें मूंदे रहते हैं लेकिन इसी शहर के दो वार्ड ऐसे भी हैं जहां रहवासियों की जागरुकता निगम अधिकारियों के साथ ही पार्षदों को भी उनके दायित्व का अहसास करा रही है। यह संभव हुआ है मोहल्ला एप भोपू (Bhopu) से।वार्ड 36-37 के हजारों में से करीब 4500 रहवासी इस एप से जुड़ कर एक दूसरे के दोस्त तो बने ही हैं। एक कॉलोनी की समस्या का हल दूसरी कॉलोनी के उसी समस्या से निदान तक के विशेषज्ञ रहवासी संघ अध्यक्ष बाकी कॉलोनियों के रहवासियों को बता रहे हैं और नया दौर के गीत ‘साथी हाथ बढ़ाना, एक अकेला थक जाए तो..’ को सार्थक भी कर रहे हैं।
मप्र में इंदौर के ये दो वार्ड ऐसे हैं जहां इस एप का बीटा वर्जन सफल साबित हो रहा है। विंफोटेक आयटी कंपनी से जुड़ी अनुपमा खरे को गीता पढ़ते पढ़ते आम लोगों की समस्या के निदान के लिए भोपू एप का आयडिया दिमाग में आया, कंपनी के सीईओ अक्षय जैन से जब चर्चा की तो उन्होंने छह अन्य सदस्यों की टीम के साथ इस एप पर काम करने के उन्हें टीम लीडर बना दिया।भोपू एप की शुरुआत आठ महीने की गई तब उक्त दोनों वार्डों के लोगों को लगा या तो ये लोग सामान बेचने वाले या लालच में उलआ कर ठगने वाले तो नहीं हैं। अब विश्वास जम चुका है दोनों पार्षद संजय कटारिया और कोमल जीवन पंचोली के साथ ही इन दोनों वार्डों की करीब 30 कॉलोनियों के हजारों लोग अब तक जुड़ चुके हैं। डीबी सिटी रहवासी संघ के अध्यक्ष अशोक सिंघल परेशान थे कि बिल्डर मेंटेनेंस की राशि लेने के बाद भी काम नहीं कर रहा, भोपू से जुड़े ओशियन पार्क रहवासी संघ अध्यक्ष दौलत लडलानी इसी तरह के मामले में बिल्डर के खिलाफ कोर् केस जीत चुके थे, उन्होंने सिंघल को रास्ता सुझाया।इसी तरह सांईकृपा रहवासी संघ अध्यक्ष दीपेश गुप्ता हों या महालक्ष्मी रहवासी संघ अध्यक्ष अर्जुन गौड़ ये सब अन्य कॉलोनियों के रहवासियों की समस्या के सटीक निदान सुझाते रहते हैं।
-अब कर रहे हैं बीएसएफ का गठन
कॉलोनी रहवासियों के बीच भोपू एप आपसी परिचय के साथ ही एक-दूसरे की मदद करने की भावना विकसित कर रहा है।अनुपम खरे बताती हैं अब इन कॉलोनियों के जागरुक सदस्यों का भोपू स्पेशल फोर्स (बीएसएफ) गठित कर रहे हैं। इस गठन का उद्देश्य यही है कि मोहल्ला समितियों के गठन के अभाव में कॉलोनियों की समस्याओं के निराकरण में बीएसएफ सक्रिय रह कर राहत दिलाए।
गुडमार्निंग, राजनीति, जोक्स आदि जैसे कट-पेस्ट मैटर प्रतिबंधित कर रखे हैं।विभिन्न कॉलोनियों की एक जैसी समस्याओं के हल के लिए जिस भी विभाग के अधिकारियों से मिलना होता है उस संबंध में रहवासियों से प्रश्न आमंत्रित कर लेते हैं।कॉलोनियों में रेनवॉटर हार्वेस्टिंग, आवारा कुत्तों की समस्या, चोरी की घटनाएं, बिजली बंद आदि समस्याओं पर पार्षद को जानकारी देकर निदान कराते हैं।