उमा भारती का तंज है क्या? प्रज्ञा ठाकुर महान संत
— भोपाल से बीजेपी की उम्मीदवार है प्रज्ञा
मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को जिंदा करने और सत्ता तक पहुंचने वाली केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने प्रज्ञा ठाकुर को बहुत बडा संत कहा है,उन्होंने कहा कि प्रज्ञा से उनकी तुलना नहीं की जाना चाहिए,वह तो बहुत साधारण और मूर्ख प्राणी है। यह कहते समय उमा भारती के चेहरे पर हल्की मुस्कान भी दिखाई दी। उनके शब्द और चेहरे के भाव बहुत बता रहे है,जिससे कहा जा सकता है कि उमा भारती ने प्रज्ञा ठाकुर पर तंज किया हो?
दरअसल, मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान में केंद्रीय मंत्री उमा भारती से जब पूछा गया कि क्या प्रज्ञा भारती मप्र में उपका स्थान लेने जा रही है तो उन्होंने पत्रकारों को यह जबाव दिया। पत्रकारों को जबाव देते समय उमा भारती के चेहरे के भाव कुछ अलग दिखाई दे रहे थे, राजनीति की समझ रखने वाले भी इस बात को पकड रहे है कि उमा भारती ने प्रज्ञा ठाकुर को यूं ही महान संत और स्वंय को मूर्ख प्राणी नहीं कहा है । कुछ तो अंदर चल रहा है। उमा भारती चाहती थी कि भोपाल से अलोक संजर को ही वापस टिक्ट दिया जाए या फिर भोपाल से किसी विधायक को उम्मीदवार बनाया जाए,लेकिन ऐसा हुआ नहीं। अब तक मप्र में उमा भारती को एक विकल्प के तौर पर देखा जाता रहा है,उम्मीद भी की जा रही थी कि अगर आलाकमान शिवराज सिंह चौहान को दिल्ली बुलाते है तो मप्र की कमान किसको सौंपी जाएगी। अब हुआ यह कि आलाकमान ने प्रज्ञा ठाकुर नाम पत्ता फेंक दिया जिससे मप्र की बीजेपी में खलबली मच गई। प्रज्ञा ठाकुर सीधे बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और पीएम नरेंद्र मोदी के तरकश का तीर है इसलिए उसको कोई और नहीं चला सकता…।
प्रज्ञा मप्र में बीजेपी का नया चेहरा…
कहा जाता है कि अमित शाह बहुत आगे की सोच कर चाल चलते है,कुछ चाल तो दिखाई ही नहीं देती..परिणाम आने पर पता चलता है कि अमित शाह ने चाल चली थी। मप्र में भी भोपाल क बहाने नयी चाल अमित शाह ने चली है। भोपाल लोकसभा सीट का चुनाव एक तरफ है मप्र की कमान ऐसे हाथों में सौंपने की तरफ कदम बढा दिए गए जिसमें फायर हो,जो बोले तो सुर्खिया बने। बीजेपी के राष्ट्रीय एजेंडे को बेखौफ प्रदेश में चला सकें। अलाकमान को प्रज्ञा ठाकुर में यह सब दिखाई दिए। यही वजह है कि प्रज्ञा ठाकुर का बचाव करते हुए अमित शाह और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। जिस तरह का महौल मप्र और दिल्ली में प्रज्ञा ठाकुर के लिए तैयार किया जा रहा उससे यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि मप्र मे अब शिवराज सिंह चौहान,उमा भारती,कैलाश विजयवर्गीय नहीं,प्रज्ञा ठाकुर सरदार होगी।
भोपाल के नेताओं में नाराजगी ..
प्रज्ञा ठाकुर की जिस तरह पार्टी में इंट्री हुई और उन्हे सिर्फ टिकट के लिए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दिलाई, उससे पार्टी के नेताओं में नाराजगी तो है हलांकि कोई अपनी नाराजगी जाहिर नहीं कर रहा,कर भी नहीं सकता। भोपाल में लोकसभा चुनाव को महौल बता रहा है कि मप्र की भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है। अगर नारजागी कार्यकर्ता के स्तर तक जा पहुंची है तो फिर उमा भारती ने जिस अंदाज में प्रज्ञा ठाकुर को महान संत बताया है वह कुछ ओर इशारा कर रहा है।
प्रज्ञा का मुकबला पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह से…
सीधे लोकसभा का चुनाव लड रही प्रज्ञा ठाकुर को राजनीति का क ख ग भी नहीं आता और वो भोपाल लोकसभा क्षेत्र और जनता की परेशनियों को भी नहीं जानती। उन्हें जो कोई भी कुछ बता रहा है वो बोल रहीं है इस चक्कर में अब तक चुनाव आयोग के तीन नोटिस और एफआईआर दर्ज हो गई है। उनके भाषण सिर्फ अपनी पीडा और हिन्दु तक ही सिमित है। वे यह नहीं समझ रही कि उनका मुकबला पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह है। इस समय दोनों के प्रचार के तारीकों पर गौर करें तो साफ समझ आयेगा कि दिग्विजय सिंह सुबह से रात तक मतदातओं से सीधा संपर्क कर रहे हैं, स्थानिय परेशानी को अपने भाषण में उठा रहे हैं, रोजगार, शिक्षा सहित मूलभूत अवश्कताओं की बात कर रहे है। समाज के हर तबके से मिल रहे है उनसे बात कर विश्वास दिला रहे है कि वो सिर्फ विकास की बात करेंगे।