स्वरा भास्कर को कुतिया और रंडी बोल रहे “चौकीदार”
—भारत में महिलाओ को जो चाहे बोल दो,कुछ नहीं होता
— संस्कार,संस्कृति,अनुशासन सब बातें रह गई
भारत में एक साल में दो बार देवी पूजा का पर्व मनाया जाता है,देवियों में सभी पुरूष और महिलाओं की भी आस्था है। आदिकाल से भारतीय जमीन पर रहने वाली महिलाओं को देवी का दर्जा दिया जाता रहा है। युग बादलते गए हम अधुनिक होते गए,अब हम यहां तक आ गए है कि महिला को सरेआम कुतिया और रंडी बोल और लिख रहे है। मतलब साफ है कि अब का पुरूष महिलाओं को देवी नहीं मानता है। उस समय तो बिलकुल जब किसी महिला ने उसके मनमुताबिक बात न कहीं हो,फिर तो वो महिला रंडी हो जाती हैं…इतनी कहानी इसलिए लिख दी गई कि देश के चौकीदार भैया लोग अभिनेत्री और समाजिक कार्यकर्ता स्वरा भस्कर को कुतिया और रंडी बोल रहे है..लिख रहे है।
रविवार की सुबह स्वारा भास्कर ने ट्विट किया कि प्रज्ञा ठाकुर आंतकवाद की आरोपी है,वहीं उन्होंने मुस्लमान समुदाय पर आंतकी होने के आरोप पर भी तीखा विरोध जता दिया..फिर क्या था,क्या पुरूष क्या महिला सभी ने स्वारा भास्कर के इस ट्विट को कोट करते हुए जो बका है तो स्वारा का ट्विटर वॉल लाल हो गया। सबसे ज्याद अमर्यादित लिखा चौकीदार भैया लोगो ने,इन्होंने स्वारा को कुतिया, रंडी और आंतकवादी की औलाद तक लिख दिया।
अब बात सभ्यता वाले भारत की…इस देश में हर दो दिन में महिला प्रताडना को लेकर बहस होती है, देश में कई फेसबुक वॉल लिखकर भर दिए जाते है। नेताजी लिखते है कि देश में महिला से अभद्रव्यवहार बर्दास्त नहीं किया जाएगा। महिलाओं को सम्मान देना ही चाहिए। इन विभिन्न राजनैतिक दलों के नेताजी,कार्यकर्ता भैया लोग से पूछना चाहिए कि क्या चहरा देखकर और महिलाओं की बातें सुनकर उन्हें मान सम्मान दोंगे,अगर कोई महिला अपकी बात से सहमत नहीं है और वो अपनी बात किसी मंच पर रख रही है तो भैया यह उसका अधिकार है,आप उसकी बात से सहमत या असहमत हो सकते है पर उसको रंडी या कुतिया नहीं बोल सकते है। ठीक आप चौकीदार बनें..अच्छी बात है पर इंसान भी बनें रहें..।