Top Stories

कमलनाथ की अध्यक्षता में ही मध्य प्रदेश में कांग्रेस लड़ेगी लोकसभा चुनाव

कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर 15 साल के बाद सत्ता में वापसी की है. इसी का नतीजा था कि कमलनाथ को सत्ता की कमान सौंपी गई, ऐसे में माना जा रहा था कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की कमान किसी अन्य नेता को सौंपी जा सकती है. लेकिन पार्टी के मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने कहा कि लोकसभा चुनाव में भी वही टीम काम करेगी जिसने विधानसभा चुनाव संभाली थी. फिलहाल, प्रदेश अध्यक्ष बदलने जाने की संभावना कम है.

कांग्रेस महासचिव दीपक बावरिया ने कहा, ‘आगामी लोकसभा चुनाव तक पार्टी की प्रदेश ईकाई में बहुत ज्यादा बदलाव की गुंजाइश नहीं देखता हूं, फिर भी पार्टी हाईकमान को कोई फैसला लेना होगा तो वह कोई कदम उठा सकते है.’ उन्होंने कहा कि संगठन का पुनर्गठन लोकसभा चुनाव के बाद किया जाएगा. निगम-मंडलों में नियुक्तियां लोकसभा चुनाव के बाद ही होगी.

बावरिया ने कहा फिलहाल मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए गठबंधन पर कोई विचार नहीं हो रहा है, लेकिन इसकी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता. साथ ही कहा कि पार्टी के वरिष्ठ लीडर विधानसभा चुनाव हारे हैं उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट देने पर विचार किया जा सकता है. इसके लिए तय मापदंड नहीं बनाए गए हैं. ये तय करना स्टेट कमेटी और चुनाव समीति का अधिकार है.

एमपी मंत्रिमंडल में कई लोगों को जगह न मिलने पर जारी खींचतान के सवाल पर बावरिया ने कहा कि कई लोग मंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, कई वरिष्ठ नेता मंत्री बनने से रह गए हैं, बड़ा जटिल विषय है, राज्य में 35 मंत्री ही बन सकते हैं, लिहाजा प्रदेश और अखिल भारतीय कांग्रेस कोई न कोई रास्ता निकाल ही लेगा.

बावरिया ने साफ कर दिया कि लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी काफी गंभीर है. सूबे में 15 साल बाद कांग्रेस सत्ता में वापस आई है, सभी की अपेक्षाएं बढ़ी हैं. आगामी लोकसभा चुनाव में समान विचारधारा के लोगों से गठबंधन होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता, लेकिन अभी तय नहीं है.

Related Articles

Back to top button