कमलनाथ सरकार का फैसला- वापस होंगे कांग्रेसियों पर दुर्भावना के चलते दर्ज मुकदमे
मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को एक महीना पूरा हो गया है और इस मौके पर गुरुवार शाम को रखी गई कैबिनेट की बैठक में एक बड़ा फैसला लिया गया. जिसमें पिछले 15 सालों के दौरान कांग्रेसियों के खिलाफ राजनीतिक दुर्भावना के चलते दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लिया जाएगा.
माना जा रहा है कि इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को ही होने जा रहा है क्योंकि राज्य में बीते 15 साल से बीजेपी की सरकार थी और इस दौरान कांग्रेस समेत अन्य दलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर जो मामले दर्ज हुए हैं उन्हें वापसलेने का फैसला किया गया है.
कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और समाजवादी पार्टी (एसपी) समेत अन्य दलों के कार्यकर्ताओं पर दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएंगे.
इसके अलावा कैबिनेट ने मंदसौर किसान आंदोलन और एससी/एसएसटी एक्ट के खिलाफ हुए प्रदर्शन के दौरान दर्ज मामलों को भी वापस लिए जाने का फैसला लिया गया है. आपको बता दें कि कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में इस बात को शामिल भी किया था.
मुकदमे वापस लेने के लिए तय की गई प्रक्रिया के तहत राज्य और जिला स्तर पर समिति बनाई जाएगी. जिला स्तर पर जिला दंडाधिकारी, जिले के एसपी और जिला लोक अभियोजन अधिकारी वाली 3 सदस्यों की समिति ऐसे मामलों की जांच करेगी.
कमलनाथ की सरकार के फैसले पर बीजेपी ने सवाल उठाते हुए कहा कि इस फैसले की आड़ में कांग्रेस अपराधियों का साथ दे रही है.
बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि कांग्रेस इसकी आड़ में गंभीर अपराध करने वाले अपराधियों पर दर्ज मुकदमे भी वापस ले सकती है इसलिए कांग्रेस को ये भी सार्वजनिक करना चाहिए कि वह किस व्यक्ति को किस अपराध से मुक्त किया जाएगा.