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योगी सरकार की राह पर मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार, नकल की यह खास योजना

मध्य प्रदेश की नई नवेली कमलनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की तर्ज पर आवारा गाय और मवेशियों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है. इसकी शुरुआत राजधानी भोपाल से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हो गई है. मध्य प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने सड़कों पर घूमने वाली आवारा गायों को पकड़कर गौशाला और कांजी हाउस भेजने का निर्देश दिया है. मंत्री का निर्देश मिलते ही सरकारी अमला भी सक्रिय हो गया और भोपाल कलेक्टर और कमिश्नर ने नगर निगम को सड़कों पर से आवारा पशुओं को पकड़ना शुरू कर दिया.

सूबे के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने कहा कि गायों की दुर्दशा के लिए बीजेपी जिम्मेदार है जिसमें सुधार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि यह मध्य प्रदेश नहीं पूरे देश का विषय है. पूरे देश में गायों की दुर्दशा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के शासनकाल में हुई. भारतीय जनता पार्टी गाय को माता मानती है, लेकिन कभी इस पर गौर नहीं किया. हमने मीटिंग में तय किया था कि 16 तारीख से जितने भी आवारा गोधन पशुधन हैं उन्हें पकड़ने का काम करेंगे. उन्होंने कहा कि इसके पीछे असल वजह यह है कि आवारा पशुओं की वजह से दुर्घटनाएं होती हैं, गंदगी होती है इसलिए और दूसरा कांग्रेस के वचन पत्र में साफ तौर पर इसका जिक्र था कि हम जितने भी आवारा गोवंश औरपशु हैं उन्हें सड़कों से हटाएंगे.

लाखन सिंह यादव ने कहा कि आवारा पशुओं के रखने के लिए गौशाला बनाने का काम भी किया जा रहा है जिनमें गायों को पकड़कर रखा जा सके. इस मुहिम के तहत पहली बार गाय पकड़ में आती है तो उसे कांजी हाउस में बंद करेंगे और दूसरी बार अगर गाय पकड़ में आती है तो उस पर चालन काटेंगे और तीसरी बार गाय पकड़ में आएगी तो उसको मालिक से हमेशा के लिए छीन लेंगे.

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने हाल ही में सड़कों पर से आवारा पशुओं को पकड़कर गौसंरक्षण केंद्र और वहां जगह ना होने पर गायों को जेल भेजने का फैसला किया है और इसलिए बीजेपी कांग्रेस पर योगी सरकार की नकल करने का आरोप लगा रही है. भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने कहा कि जहां-जहां बीजेपी के मुख्यमंत्री हैं वहां अच्छा काम हो रहा है और योगी सरकार के कामों का अनुसरण अगर कमलनाथ की सरकार कर रही है तो उन्हें लगता है कि यह अच्छा है.

उन्होंने कहा कि सरकार की आवारा पशुओं के खिलाफ इस मुहिम पर लोगों ने खुशी जाहिर की है. लोगों का मानना है कि सड़क पर बैठी गायों से हादसे तो होते ही हैं, साथ में सड़क पर आए दिन ट्रैफिक की समस्या भी बनी रहती है. आवारा गोवंश पकड़ने के लिए 6 दिन का वक्त दिया गया है. 22 जनवरी को भोपाल में इस पायलेट प्रोजेक्ट पर चर्चा की जाएगी और इसके बाद इसे पूरे मध्य प्रदेश में इसी तरह गोवंश को पकड़ने की मुहिम चलाई जाएगी.

गोवंश को पकड़ने की मुहिम

-16 जनवरी से भोपाल में शुरू हुए अभियान में आवारा मवेशियों को पकड़कर गौशाला और कांजी हाउस भेजा जाएगा.

– 2018 की पशुगणना के मुताबिक मध्य प्रदेश में 6 लाख आवारा गाय और मवेशी.

– मध्य प्रदेश में करीब 1,200 सरकारी गौशालाएं हैं जिनमें से करीब 650 गौशालाएं ही सक्रिय.

– राजधानी भोपाल में ही करीब 5 हजार आवारा गाय.

– भोपाल नगर निगम की 10 टीमों ने बुधवार को 100 से ज्यादा मवेशियों को पकड़ कर गौशाला और कांजी हाउस भेजा.

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