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बाबुआ और बुआ का गठबंधन ,बीजेपी की चुनौती बढी

38-38 सीट पर लडेंगे

(श्रवण मावई)

लोकसभा चुनाव 2019 में उत्तरप्रदेश की भूमिका काफी खास होगी। इस बार बाबुआ अखिलेश यादव और बुआ मायावती साथ चुनाव लडेंगे। सपा और बासपा के बीच गठबंधन से राजनिति में गर्मी आई है। उत्तरप्रदेश में इन दानों दलों की पकड को नजर आंदाज नहीं किया जा सकता है। यही वजह है कि भाजपा अब अपनी रणनिति बदलने की प्रक्रिया में है वहीं कांग्रेस ने अब तक कुछ साफ नहीं कहा है,लेकिन मतदान से पहले या बाद में कांग्रेस सपा की सायकल और बसपा के हाथी की सवारी कर सकती है।

सपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश और देश हित में यह गठबंधन किया गया है। उन्होंने बताया कि देश को बर्बाद होने से बचाना है तो बीजेपी को सत्ता में आने से रोकना होगा, जो भी दल उनकी विचारधारा से सहमत होगा उसका गठबंधन में स्वागत है। दानों ही नेताओं ने अपनी रणनिति को बहुत ज्यादा नही बताया है।

उत्तरप्रदेश ने कई प्रधानमंत्री दिए

अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तरप्रदेश ने देश को अनेक प्रधानमंत्री दिए है, अगर एक और प्रधानमंत्री उत्तरप्रदेश से मिलता है तो उन्हें खुशी ही मिलेगी। दरअसल उन्से पूछा गया था कि वो मायावती को प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में समर्थन करेंगे तो उन्होंने इशारे में ही यह जबाव दिया। हलांकि यह समय ही बताया कि वो किसे समर्थन देंगे।

अन्य दल भी साथ आएंगे

अ​खिलेश यादव ने कहा कि चुनाव से पहले अन्य छोटे दल भी उनके गठबंधन के साथ आ सकते है। उनको कितनी सीटें दी जाएगी इसका निर्णय उसी समय किया जाएगा।

बीजेपी की चुनौती बढी

उत्तरप्रदेश में हुए इस गठबंधन से बीजेपी के लिए चुनौतियां बढेगी और उसे अपनी रणनिति को पहले की तुलना और बेहतर बनाना हागी ।

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