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दिसंबर में UPI ट्रांजैक्शन में 18% का इजाफा, 3 अरब तक पहुंचा आंकड़ा

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने अपने टि्वटर हैंडल पर बताया है कि दिसंबर 2018 में यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) के तहत ट्रांजैक्शन में 1 लाख करोड़ (620.17 मिलियन) से भी ज्यादा का इजाफा हुआ है. जबकि इससे एक महीने पहले नवंबर में यह आंकड़ा 524.94 मिलियन था. 2018 का कुल ट्रांजैक्शन देखें तो यह 3 अरब के आसपास है.

ट्रांजैक्शन की वैल्यू निकालें तो यह और भी चौंकाने वाला है. ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी एक महीने (दिसंबर) में 25 प्रतिशत का इजाफा हुआ. बिजनेस टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2017 की तुलना में पिछले साल भीम यूपीआई के ट्रांजैक्शन का दायरा चार गुना बढ़ा है जबकि वैल्यू में 7 गुना की वृद्धि दर्ज हुई. यूपीआई जिस दर से आगे बढ़ रहा है, उससे लगता है आने वाले वक्त में वह आईएमपीएस को पीछे छोड़ देगा. पिछले वित्तीय वर्ष में आईएमपीएस से 8,92,500 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ था.

यूपीआई महज दो साल पहले बना है लेकिन जिस गति से यह आगे बढ़ रहा है, वह आने वाले समय में आईएमपीएस और एनईएफटी पेमेंट सिस्टम को काफी पीछे छोड़ देगा. 2018 में आईएमपीएस और एनईएफटी से मिलाकर 181 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ था. यूपीआई कार्ड पेमेंट को भी काफी पीछे छोड़ता जा रहा है. रिजर्व बैंक का एक आंकड़ा बताता है कि पिछले साल अक्टूबर में कार्ड पेमेंट में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई.

वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल कार्ड पेमेंट 10,60,700 करोड़ रुपए रहा. बाजार में यूपीआई की कई कंपनियां मौजूद हैं जैसे कि रिलायंस जियो, व्हाट्सअप, अमेजन पे और गूगल पे जिन्होंने एसबीआई, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंकों के पेमेंट को पछाड़ दिया है. दूसरी ओर सरकार का यूपीआई एप भारत इंटरफेस फॉर मनी (भीम) के ट्रांजैक्शन में गिरावट देखी जा रही है. दिसंबर में भीम से 7,981.82 करोड़ रुपए का ट्रांजैक्शन हुआ.

रिजर्व बैंक ने यह भी ऐलान किया है कि बहुत जल्द यूपीआई से वॉलेट जोड़ा जाएगा ताकि डिजिटल पेमेंट सिस्टम को और अधिक मजबूत और तेज बनाया जाए. पिछले साल अक्टूबर में मोबाइल वॉलेट से 18,786 करोड़ का ट्रांजैक्शन दर्ज हुआ जो एक महीने में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी थी.

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