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क से क तक कामयाबी कक्कड़ की !

(कीर्ति राणा)

मुझे तो पूरा भरोसा था  कि कांग्रेस सत्ता में आई तो प्रवीण कक्कड़ किसी महत्वपूर्ण भूमिका में नजर आएँगे। अभी जब रात को जानकारी मिली कि उन्हें सीएम का ओएसडी नियुक्त किया गया है तो मन खुश हो गया इसलिए नहीं कि वह मेरे मित्र हैं बल्कि इसलिए कि इस पद के लिए काबिल व्यक्ति का चयन कर के मुख्यमंत्री ने भी सिद्ध किया किअपने लंबे राजनीतिक अनुभव से ही वे अपनी टीम चुनने में कामयाब हो रहे हैं।संयोग भी क्या गजब है कांतिलाल भूरिया की सफलता की इबारत लिखने में कक्कड़ की क़ाबिलियत को सबने देखा और अब कमलनाथ ने भी उनकी करिश्माई छवि पर मुहर लगा दी।यही नहीं उनके नाम प्रवीण के मुताबिक वे भी हर मुसीबत का हल खोजने वाले एक्सपर्ट साबित होते रहे हैं।
याद आता है जब कांतिलाल भूरिया सांसद के रूप में इंदौर आया करते थे तब रेसीडेंसी में बाकी अधिकारियों की तरह प्रवीण कक्कड़ भी सौजन्य भेंट के लिए नजर आ जाते थे। पुलिस सेवा में ही नहीं  परिवहन विभाग में पदस्थ रहते हुए भी कक्कड़ के  मीडिया जगत से संबंध उतने ही मैत्रीपूर्ण रहे। यूपीए सरकार में कांतिलाल भूरिया को केंद्रीय मंत्री का दायित्व  मिला  तो कक्कड़ उनके कर्तव्यस्थ अधिकारी के रूप में नईभूमिका में नजर आए। मंत्रीपद से लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और रतलाम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र से जब भूरिया ने उपचुनाव लड़ा तब सारे हालात विपरीत होने के बाद भी भूरिया मोदी लहर में कांग्रेस का परचम लहरा सके तो उनकी इस सफलता में पर्दे के पीछे रहने वाली टीम की कमान के सूत्र कक्कड़ के हाथ में थे।

 भाजपा का चौथी बार सत्ता में आने का सपना ध्वस्त करने की चुनौती को कमलनाथ ने जिन योद्धाओं के भरोसे  स्वीकार किया उस मरजीवड़े जत्थे में कक्कड़ भी शामिल थे। मीडिया वार रुम के साथ ही विरोधियों के हर वार का असरदार अंदाज में पलटवार की छूट कांग्रेस के रणनीतिकारों ने उन्हें दे  रखी थी। यह भी तय माना जा रहा था कि कमलनाथ मप्र के लिए घोषित वचन पत्र पर अमल के लिए जिन आयएएस-आयपीएस पर ज़िम्मेदारी डालेंगे तो सरकार और और सरकार को चलाने वाली इस टीम के बीच संजय सेतु का काम कक्कड़ को मिल सकता है। कमलनाथ मप्र के आम और खास लोगों के बीच जिस उदारमना-सबके लिए उपलब्ध सीएम की छवि से कमल वालों के छल छद्म से हटकर ‘सबके साथ कमलनाथ’ की छवि को स्थापित करना चाहते हैं उस करिश्मे को अंजाम तक पहुँचाने के लिए अपने साथ इसी तरह के अनुभवी साथियों को साथ रखेंगे।
पुलिस सेवा में रहते  राष्ट्रपति पदक से सम्मानित प्रवीण कक्कड़ कतिपय उन अधिकारियों में हैं जिनमें पुलिस सेवा से व्यवहार में आई अकड़ मिज़ाजी  कोसौ दूर रहती है। मित्र होना और मित्रता निभाना दोनों मामलों में भरोसा जीत लेना उनकी खासियत है। माँ के निधन पर दिल को छू लेने वाले विचारों वाली पुस्तिका से लेकर पुत्र के विवाह में वैवाहिक गतिविधियों वाला (चित्रमय) विवरण पत्र हो या बिना प्रचार की अपेक्षा काके असहाय बच्चों की  मदद करना हो हर नेक काम में उत्साह और उदारता दिखाने वाले यारों के यार प्रवीण भाई इस तरह के नवाचारों की वजह से  इस नई ज़िम्मेदारी में भी मुख्यमंत्री की कसौटी पर खरे उतरेंगे ही।

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