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आक्रोश ने बहाई परिवर्तन की बयार

शैलेश तिवारी

अजब मध्य प्रदेश के गजब वोटरों ने भी कमाल का जनादेश दिया है। दोनों ही दल और राजनैतिक पंडित अभी तक चुनाव परिणाम के समापन की आरती नहीं गा पा रहे हैं। न तालियाँ बज पा रही हैं। हाँ बहुमत के नजदीक पहुंची कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बहुमत जुटाने की गतिविधि में व्यस्त हो गया है तो कार्यकर्ता जश्न के शोर गुल में एक दुसरे को गले लगा कर बधाई दे रहा है।
इन सब के बीच तीन टर्म के बाद सत्ता से बाहर होने के मोड़ पर खड़ी भाजपा के शीर्ष नेता कारणों पर भी चर्चा में मशगूल हैं। राजनैतिक विश्लेषक अपने अपने तर्कों से कांग्रेस की वापसी वजह को सही ठहरा रहे हैं। जिस वोटर ने यह भग्न जनादेश सौंपा है। उसका जिक्र कुछ कम हो पा रहा है। जिस प्रकार भाजपा को बहुत ही नजदीकी हार की राह की तरफ बढना पड़ा है। वो कहीं न कही सत्ता के शीर्ष पुरुष के अहम् से उपजा दिख रहा है। जिसने शहरी क्षेत्रों के मजबूत भाजपा गढों में सेंध लगाकर पार्टी को सत्ता से लगभग दूर सा कर दिया है।
ये था माई के लाल के वाक्य की कोख से पैदा हुआ आक्रोश…। जिसने बदलाव की बयार को वो दिशा दे दी कि सत्ता के सुखाधिकार के अधिकारी चेहरे बदले हुए नजर आने लगे। सत्ता दल को हारने के लिए पोलिंग बूथ तक पहुंचा मतदाता … कौन जीतेगा ये भूल गया। बस उसे तो अपना आक्रोश व्यक्त करना था सो कर दिया।
विरोधी दल कांग्रेस भी गुटबाजी के दलदल से बाहर निकलकर एकजुट हुई। ये भी एक वजह बनी बदलाव की। जब कमलनाथ का अनुभव और सिंधिया का जोश , दिग्विजय की सलाह पर ताल ठोककर जुट गया अपने वक्त है बदलाव के मिशन में। और हवा बही भी कांग्रेस के अनुकूल। सबसे बड़े दल के रूप में आने में 15 साल का लम्बा फासला तय हो ही गया। फिर केंद्र द्वारा एट्रोसिटी एक्ट बनाना। नोट बंदी, जीएसटी आदि से नाराज व्यापारी वर्ग ने भी बहती बयार की दिशा को अनुकूल करने में मदद कर दी। किसानों को कांग्रेस का दो लाख की कर्ज माफ़ी का एलान भी कुछ हद तक रास आ गया। हाँ कांग्रेस को बहुमत से दूर करने में उसकी कुछ गलतियां भी रही हैं जिनमे से संघ की शाखाओं पर कुछ बेन लगाने की बात ने प्रमुख भूमिका निभाई है। इससे पहले संघ और उसका स्वयं सेवक तन से निष्क्रिय होकर बैठा था लेकिन बाद में उसकी सक्रियता ने भाजपा की नैया को किनारा दूर से देख सकने में मदद की।
बहरहाल आक्रोश की कोख से जनम लिए इस परिवर्तन से प्रदेश की दिशा और दशा कौन सा रूप धारण करेगी ये देखना भी कम दिलचस्प नहीं होगा।

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