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हमें 30-35 रन और बनाने चाहिए थे, जीत से पहले बढ़ी टेंशन

भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले टेस्ट मैच के पांचवें दिन कंगारू टीम के पुछल्ले बल्लेबाजों के जुझारूपन के कारण जीत के लिए इंतजार करना पड़ा और कप्तान विराट कोहली ने बाद में कहा कि ऐसे मौके पर वह शांतचित नहीं थे.

भारत ने ऑस्ट्रेलिया को 31 रन से हराकर चार मैचों की सीरीज में 1-0 से बढ़त बनाई. ऑस्ट्रेलिया के अंतिम चार बल्लेबाजों ने 107 रन जोड़े जिससे एक समय भारतीयों की भी चिंता बढ़ने लगी थी.

कोहली ने मैच के बाद कहा, ‘टेस्ट मैचों में ऐसा होता है. मैच में उतार चढ़ाव आते रहते हैं. बाधाएं भी आती हैं. ऑस्ट्रेलिया ने वास्तव में अच्छी फाइट की लेकिन हमने अपनी रणनीति अच्छी तरह से लागू की.’

कोहली से पूछा गया कि जब पुछल्ले बल्लेबाज इंतजार बढ़ा रहे थे तब क्या वे चिंतित थे, उन्होंने कहा, ‘मैं यह नहीं कहूंगा कि मैं बिल्कुल शांतचित था. लेकिन, आप अपनी भावनाओं को खुलकर उजागर नहीं कर सकते. जसप्रीत (बुमराह) को उसके आखिरी ओवर में मैंने सहज रहने को कहा. गेंदबाजों पर मुझे गर्व है. हमारे पास चार गेंदबाज थे और उन्होंने 20 विकेट लिए जो बड़ी उपलब्धि है. पहले हम ऐसा नहीं कर पाए.’

कोहली ने कहा कि भारत ने टेस्ट मैच में सामूहिक तौर पर अच्छा प्रदर्शन किया और उम्मीद जताई कि उनके बल्लेबाज आगे भी अच्छी बल्लेबाजी करके गेंदबाजों के प्रयास को सफल करेंगे.

कोहली ने कहा, ‘इससे पता चलता है कि अगर बल्लेबाज नियमित तौर पर जिम्मेदारी उठाते हैं, तो हम प्रत्येक टेस्ट मैच में जीत के लिए प्रयास करेंगे. सामूहिक रूप से हमारी टीम बेहतर थी और हम जीत के हकदार थे.’

भारत की जीत के हीरो चेतेश्वर पुजारा रहे. जिन्होंने, 123 और 71 रन की दो लाजवाब पारियां खेली तथा कप्तान ने भी उनकी सराहना की. कोहली ने कहा, ‘पुजारा ने अनमोल पारी खेली. उनके धैर्य और प्रतिबद्धता से हमने वापसी की. हम जानते थे कि अच्छा स्कोर मेजबान टीम को संकोची बना देगा. कोई भी बढ़त महत्वपूर्ण होती और हमने 15 रन की बढ़त ली. इसके बाद दूसरी पारी में पुजारा ने और रहाणे ने शानदार बल्लेबाजी की.’

कोहली से जब पूछा गया कि क्या 323 रन का लक्ष्य पर्याप्त था, उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमारा लोवर मिडिल ऑर्डर और निचला क्रम अच्छा प्रदर्शन कर सकता था. हमें 30-35 रन और जोड़ने चाहिए थे, जिससे मैच पूरी तरह से ऑस्ट्रेलिया के हाथ से निकल जाता.’

कोहली ने कहा, ‘पर्थ जाने से पहले हम इन चीजों पर गौर करेंगे. लेकिन, अगर कोई सीरीज से पहले मुझसे कहता कि सीरीज शुरू होने पर हम 1-0 से आगे हो जाएंगे तो मैं इसे हाथों हाथ लेता.’

‘मैन ऑफ द मैच’ पुजारा ने कहा कि यहां पहले खेलने का अनुभव उनके काफी काम आया. पुजारा ने कहा, ‘यहां पुजारा खेलने के अनुभव का काफी फायदा मिला. इससे मेरी तैयारियों में मदद मिली. टेस्ट मैच जीतने पर श्रेय सभी गेंदबाजों को जाता है. पहली पारी में 15 रन की बढ़त से हमारा भरोसा बढ़ा.’

पुजारा को अच्छा बल्लेबाज बनाने में उनके पिता की भूमिका अहम रही और उन्होंने उनका आभार भी व्यक्त किया. इस बल्लेबाज ने कहा, ‘यह बहुत मायने रखता है. उन्हें गर्व होगा. मैं अपने करियर में उनके समर्थन का आभार व्यक्त करता हूं.

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