2019 लोकसभा चुनाव से पहले NDA का यहां साथ छोड़ सकते हैं उपेंद्र कुशवाहा
भी रालोसपा (RLSP) बीजेपी (BJP) के साथ रहेगी या नहीं इसका फैसला उपेंद्र कुशवाहा (Upendra kushwaha) ने नहीं किया है लेकिन बिहार में बीजेपी की सहयोगी रालोसपा संसद के शीतकालीन सत्र (Winter Session) के दौरान एनडीए से अपना नाता तोड़ सकती है। रालोसपा अध्यक्ष व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के बिहार में जेडीयू व बीजेपी नेताओं के लगातार बढ़ रही तल्खी के चलते सुलह समझौते के आसार कम हो गए हैं। रालोसपा के अपने विस्तार में भी गठबंधन आड़े आ रहा है और उसे पिछली बार (तीन) से भी कम सीटें मिलने की संभावना है।
बीजेपी अपनी तरफ से रालोसपा के साथ संबंध नहीं तोड़ना चाहती है। उसकी कोशिश है कि रालोसपा नए सीट तालमेल के साथ उसके साथ रहे। सूत्रों के अनुसार इसमें रालोसपा के हिस्से में महज एक लोकसभा सीट आ रही है। रालोसपा के साथ उसके निलंबित सांसद अरुण कुमार भी फिर से साथ आए हैं, जिससे उसका दावा दो का हो जाता है।
उधर, संसद के शीतकालीन सत्र से पहले उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने 10 दिसंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है ताकि ऊपरी सदन में कामकाज के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच आमसहमति बनाई जा सके।
पूर्व में सत्र के दौरान नायडू सदन में सत्तारूढ़ पार्टी और विपक्ष के बीच गतिरोध पर चिंता व्यक्त कर चुके हैं, जिसके कारण सदन में सुचारू कामकाज में बाधा देखने को मिली थी। सत्र के दौरान सरकार संसद में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराना चाहती है। इसमें तीन तलाक संबंधी विधेयक राज्यसभा में लंबित है। समझा जाता है कि सरकार इस विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी। सरकार इससे पहले तीन तलाक पर अध्यादेश जारी कर चुकी है, जिसमें दंड का प्रावधान है।