कच्चे तेल में गिरावट के बीच सेंसेक्स और निफ्टी में रही 5 फीसदी की बढ़ोत्तरी
बीते सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों में मजबूती दर्ज की गई, जिसमें कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट और डॉलर के खिलाफ रुपये में आई मजबूती का मुख्य योगदान रहा। हालांकि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार तनातनी बरकरार है और दोनों देशों के बीच वातार्ओं का दौर शुरू होने से निवेशकों का रुख सकारात्मक बना है।
साप्ताहिक आधार पर, सेंसेक्स 1,662.34 अंकों या 4.98 फीसदी की तेजी के साथ 35,०11.65 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 523 अंकों या 5.21 फीसदी की तेजी के साथ 10,553 पर बंद हुआ। बीएसई का मिडकैप सूचकांक 1,०18.58 अंकों या 7.34 फीसदी की तेजी के साथ 14,888.73 पर बंद हुआ, जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 867.०4 अंकों या 6.37 फीसदी की तेजी के साथ 14,464.68 पर बंद हुआ।
सोमवार को शेयर बाजारों की सकारात्मक शुरुआत हुई और सेंसेक्स 718.09 अंकों या 2.15 फीसदी की तेजी के साथ 34,067.40 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 220.85 अंकों या 2.20 फीसदी की तेजी के साथ 10,250.85 पर बंद हुआ था। मंगलवार को बाजार में गिरावट दर्ज की गई और सेंसेक्स 176.27 अंकों या ०.52 फीसदी की गिरावट के साथ 33,891.13 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 52.45 अंकों या 0.51 फीसदी की तेजी के साथ 10,198.40 पर बंद हुआ।
बुधवार को एक बार फिर बाजार में मजबूती आई और सेंसेक्स 550.92 अंकों या 1.63 फीसदी की तेजी के साथ 34,442.05 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी 188.20 अंकों या 1.85 फीसदी के साथ 10,386.60 पर बंद हुआ।
गुरुवार को सेंसेक्स 10.08 अंकों या 0.03 फीसदी की गिरावट के साथ 34,431.97 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 6.15 अंकों या 0.06 फीसदी की गिरावट के साथ 10,380.45 पर बंद हुआ। शुक्रवार को सेंसेक्स 579.68 अंकों या 1.68 फीसदी की तेजी के साथ 35,011.65 पर बंद हुआ और निफ्टी 172.55 अंकों या 1.66 फीसदी की तेजी के साथ 10,553 पर बंद हुआ।
बीते सप्ताह सेंसेक्स के तेजी वाले शेयरों में- लार्सन एंड टूब्रो (13.29 फीसदी), वेदांत (10.63 फीसदी), बजाज ऑटो (6 फीसदी), टाटा मोटर्स (12.52 फीसदी) और आईसीआईसीआई बैंक (12.45 फीसदी) प्रमुख रहे।
आर्थिक मोचेर् पर, भारत और जापान ने सोमवार को 75 अरब डॉलर के द्विपक्षीय मुद्रा विनिमय समझौता किया, जिससे देश की विदेशी मुद्रा और पूंजी बाजार में स्थिरता आने की उम्मीद है। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि विनिमय समझौता दोनों देशों के बीच किए गए पिछले विनिमय समझौते की तुलना में 50 फीसदी अधिक है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि 75 अरब डॉलर का समझौता दुनिया का सबसे बड़ा विनिमय समझौता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान यह समझौता किया गया, जहां उन्होंने अपने जापानी समकक्ष शिंजो आबे के साथ विभिन्न मुद्दों पर चचार् की।
सरकार ने कहा कि वह देश से पूंजी को बाहर जाने से रोकने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है और यह फैसला भारतीय बाजार में भरोसा बढ़ाने वाला कदम है। गौरतलब है कि अमेरिका में प्रमुख ब्याज दरों में बढ़ोतरी से पूंजी पर बेहतर लाभ की आशा में वैश्विक निवेशक भारतीय बाजार में लगाई गई पूंजी को तेजी से निकाल रहे हैं और अमेरिकी बाजारों में निवेश बढ़ा रहे हैं।