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पाक को चीन से मिल सकती है छह अरब डॉलर की मदद: रिपोर्ट

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की शुक्रवार को यहां चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बातचीत हुई। इसके बाद एक मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि इस्लामाबाद को वित्तीय संकट से उबारने के लिए चीन छह अरब डॉलर की आर्थिक मदद कर सकता है। हालांकि कि दोनों में से किसी भी पक्ष की ओर से आधिकारिक तौर पर यह नहीं बताया कि बैठक से क्या निकलकर आया।

‘जियो टीवी’ ने कहा कि बीजिंग इस्लामाबाद को छह अरब डॉलर की आर्थिक मदद कर सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि 1.5 अरब डॉलर का कर्ज प्रदान किया जा सकता है। साथ ही चीन-पाक आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के लिए तीन अरब डॉलर का अतिरिक्त पैकेज दिया जा सकता है।

इससे पहले इमरान चीन के चार दिवसीय आधिकारिक दौरे के लिए शुक्रवार को बीजिंग पहुंचे। उनका यह दौरा ऐसे समय हो रहा है, जब पाकिस्तान ने चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना, चीन-पाक आर्थिक गलियारा को लेकर हिचक दिखाई है।

अगस्त 2018 में पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के बाद इमरान की यह पहली आधिकारिक चीन यात्रा है। इस दौरान वह चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग के साथ भी वार्ता करेंगे। वह रविवार को शंघाई में पहले ‘चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो’ में हिस्सा लेंगे। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है।

कर्ज को लेकर चर्चा :
इमरान ने बीजिंग पहुंचने के बाद कहा था कि उन्हें उम्मीद है कि चीन की साझेदारी से पाकिस्तान को चालू खाता घाटा पाटने और विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, हमारी सरकार दो मोर्चों पर काम कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) कार्यक्रम और मित्र राष्ट्रों से सहयोग शामिल है। आईएमएफ के कर्ज की सख्त शर्तों से महंगाई बढ़ेगी और अर्थव्यवस्था पर दबाव बढ़ेगा। इससे जनता पर कर का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। सऊदी अरब और चीन के सहयोग से पाकिस्तान आईएमएफ के बड़े कर्ज से बच सकता है। गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान का सबसे बड़ा कर्जदाता है। संभावना है कि इमरान चीन से और कर्ज की मांग कर सकते हैं। हाल में सऊदी अरब की यात्रा के दौरान उन्होंने करीब तीन अरब डॉलर की सहायता हासिल की थी।

सीपीईसी संबंधी चिंता :
इमरान सरकार ने चीन की 60 अरब डॉलर की चीन-पाक आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना को दिए जा रहे कर्ज पर चिंता जताई थी। जबकि पाकिस्तान की वित्तीय बदहाली का हवाला देते हुए चीन सीपीईसी की एक रेलवे परियोजना का बजट 8.2 अरब डॉलर से घटाकर 6.2 अरब डॉलर कर चुका है।

इमरान ने चीन द्वारा वित्त पोषित सीपीईसी में सऊदी अरब को शामिल होने का न्योता दिया था। इससे चीन खफा हो गया था। इसके बाद न्योता वापस ले लिया गया। दरअसल सऊदी अरब अमेरिका का सहयोगी और ईरान का शत्रु है। जबकि ईरान चीन का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है। चीन ने हालांकि उन खबरों को खारिज किया जिनमें कहा गया था कि पाकिस्तान सीपीईसी को लेकर चिंतित है। चीन ने कहा कि दोनों देशों में हमेशा दोस्ती रहेगी।

निर्यात एक्सपो में शिरकत :
इमरान शंघाई में पहले चाइना इंटरनेशनल इम्पोर्ट एक्सपो के उद्घाटन समारोह को संबोधित करेंगे। इस दौरान वह एक्सपो के इतर विश्व नेताओं से भी बातचीत करेंगे। एक्सपो में पाकिस्तान के निर्यात किए जाने वाले उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा।

इमरान के साथ पाकिस्तान के योजना मंत्री मखदूम खुसरो बुख्तियार, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, वित्त मंत्री असद उमर, रेल मंत्री शेख राशिद अहमद, वाणिज्य, उद्योग और निवेश मामलों में प्रधानमंत्री के सलाहकार अब्दुल रज्जाक दाऊद और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री जाम मीर कमाल भी बीजिंग पहुंचे हैं।

इमरान के बीजिंग हवाई अड्डा पहुंचने पर चीन के परिवहन मंत्री ली शिओपेंग, पाकिस्तान में चीन के राजदूत यो जिंग और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। इस मौके पर चीन में पाकिस्तान राजदूत मसूद खालिद भी मौजूद थे

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