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क्या सिर्फ वर्मा-अस्थाना की छुट्टी से बदल जाएगी CBI की इमेज?

देश की सबसे बड़ी जांच सीबीआई में भ्रष्टाचार के मुद्दे से शुरू हुई जंग अभी तक थमी नहीं है. जैसे-जैसे ये मामला उलझता जा रहा है सीबीआई की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं. इस बवाल का ठीकरा विपक्ष ने पूरी तरह से केंद्र सरकार पर थोप दिया है, वहीं सरकार ने इसे सीबीआई का अंदरूनी मामला बताया है.

हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के बीच जो सबसे बड़ा सवाल उठ रहा है कि अब सीबीआई का क्या होगा, क्या दो शीर्ष अधिकारियों को छुट्टी पर भेज देने से ही सीबीआई की छवि पर जो सवाल उठे हैं वह बंद हो जाएंगे.

दरअसल, सीबीआई के अंदर भ्रष्टाचार के एक मामले को लेकर जो दो शीर्ष के अफसरों में जंग शुरू हुई अब वह खुले मैदान में है. रातोरात जिस तरह दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया गया और पूरी टीम को बदल दिया गया, उससे मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया है.

मामले ने लिया राजनीतिक रंग

क्योंकि मामला पूरी तरह से राजनीतिक होने लगा है, यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत विपक्ष के कई बड़े चेहरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर सवाल उठाए हैं. जिसके कारण ये मामला आसानी से खत्म होता हुआ नहीं दिख रहा है, आने वाले दिनों में पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी इस मुद्दे की गूंज सुनाई पड़ सकती है.

सीबीआई में ऐसे हुए बदलाव

सीबीआई की मानें तो आलोक वर्मा के खिलाफ मामले की जांच सीवीसी की नजर में चल रही है. वहीं, जांच टीम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है. टीम में आलोक वर्मा नहीं बल्कि अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव को रिपोर्ट करेगी.

हालांकि, बुधवार को ही नागेश्वर राव ने राकेश अस्थाना से जुड़े मामले की जांच कर रही पूरी टीम को ही बदल डाला. सीबीआई की कमान संभालने के कुछ ही घंटों में उन्होंने 13 अधिकारियों का तबादला या जिम्मेदारी में बदलाव का आदेश दिया.

बाकी मामलों पर नहीं पड़ेगा फर्क

इसके अलावा जो सीबीआई के पास अन्य मामले हैं, उनकी जांच वैसे ही जारी रहेगी. उनपर किसी तरह का कोई फर्क नहीं पड़ेगा. हालांकि, जिस तरह से इस विवाद ने तूल पकड़ा है उससे सरकार सतर्क हो गई है. सूत्रों की मानें, तो सरकार अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कामकाज पर भी नज़र बनाए हुए है ताकि कोई अनहोनी ना हो पाए.

क्या है मामला?

गौरतलब है कि CBI ने राकेश अस्थाना (स्पेशल डायरेक्टर) और कई अन्य के खिलाफ कथित रूप से मीट कारोबारी मोइन कुरैशी की जांच से जुड़े सतीश साना नाम के व्यक्ति के मामले को रफा-दफा करने के लिए घूस लेने के आरोप में FIR दर्ज की थी. इसके एक दिन बाद डीएसपी देवेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया. इस गिरफ्तारी के बाद मंगलवार को सीबीआई ने अस्थाना पर उगाही और फर्जीवाड़े का मामला भी दर्ज किया.

सीबीआई के निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच छिड़ी इस जंग के बीच, केंद्र ने सतर्कता आयोग की सिफारिश पर दोनों अधिकारियों को छु्ट्टी पर भेज दिया. और जॉइंट डायरेक्टर नागेश्वर राव को सीबीआई का अंतरिम निदेशक बना दिया गया. चार्ज लेने के साथ ही नागेश्वर राव ने मामले से जुड़े 13 अन्य अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया.

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