Top Stories

नर्मदा, गाय और वृक्षारोपण पर शिवराज सिंह चौहान ने धोखा दिया: कम्प्यूटर बाबा

पंचायत आजतक’ के मंच पर महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा शिवराज और उनकी सरकार पर जमकर बरसे. उन्होंने आरोप लगाया कि 3 समझौते के तहत वो शिवराज सरकार में शामिल हुए थे और उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला था. कम्यूटर बाबा का कहना है कि शिवराज ने उनके साथ वादाखिलाफी की, जिस वजह से उन्होंने इस्तीफा दिया.

‘आजतक’ के कार्यक्रम में कंम्प्यूटर बाबा ने कहा कि सरकार में शामिल होने से पहले उन्होंने नर्मदा को स्वच्छ और अवैध खनन को रोकने, मठ-मंदिरों को सुरक्षित करने, गौ रक्षा की शर्त रखी थी. उस वक्त शिवराज ने संतों की ये शर्त मान ली थी. लेकिन 6 महीने बाद शिवराज अपने वादे से मुकर गए.

महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा का कहना है कि राज्य मंत्री बनते ही उन्होंने 6 महीने तक नर्मदा के तटों पर भ्रमण किया. लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया, खुद पेड़ लगाए. लेकिन जब 6 महीने बाद शिवराज को अपने वादे याद दिलाए गए तो उन्होंने कहा कि अब कुछ नहीं हो सकता है क्योंकि चुनाव सामने है.

कम्प्यूटर बाबा की मानें तो शिवराज ने उनसे नर्मदा खनन रोकने. मठ मंदिर में से कलेक्टर का नाम हटाकर पुजारी का नाम लिखने और गौ रक्षा के लिए नीति बनाने का वादा किया था. लेकिन बाद में वो मुकर गए. कंप्यूटर बाबा के मुताबिक मध्य प्रदेश में जगह-जगह गायें मर रही हैं, साधू-संतों की स्थिति खराब होती जा रही है. लेकिन शिवराज सरकार को इसके कोई लेना-देना नहीं है. ये सरकार संत विरोधी है.

बाबा ने कहा कि वो सरकार के रवैये से आहत हैं. इसलिए एक अक्टूबर को धर्म सभा में निर्णय लिया कि अब मंत्रीपद का त्याग कर देना चाहिए. उनका कहना है कि ये साधू-संत शिवराज को चुनाव में जरूर सबक सिखाएंगे.

बता दें, पंचायत आजतक के तीसरे सत्र ‘नर्मदा के नाम पर’ में महामंडलेश्वर कम्प्यूटर बाबा, धर्मगुरु, स्वामी नवीनानंद सरस्वती, धर्मगुरु खंडेश्वर महाराज, धर्मगुरु महामंडलेश्वर रामकृपाल दास, धर्मगुरु महामंडलेश्वर नरसिंह दास, और परमहंस डॉ. अवधेश जी महाराज ने शिरकत की. इस सत्र का संचालन श्वेता सिंह ने किया.

कप्यूटर बाबा ने कहा, शिवराज सरकार को मध्य प्रदेश में राज करते-करते 15 वर्ष हो गए. इन्होंने संतों को ऐसे मढ़ दिया है कि संतों के बारे में कहा जाता है कि वे बीजेपी के हैं, आरएसएस के हैं. चित्रकूट में संतों की 100 झोपड़ियां तोड़ दी गईं. संत समाज इस सरकार से बेहद दुखी है. हमलोग ने देख लिया कि यह अधर्म की सरकार है. इसमें धर्म नाम की कोई चीज नहीं है.

Related Articles

Back to top button