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आम्रपाली ग्रुप के चेयरमैन अनिल शर्मा समेत 3 डायरेक्टरों को SC ने पुलिस हिरासत में भेजा

सुप्रीम कोर्ट ने रियल एस्टेट परियोजनाओं को पूरा नहीं करने और खरीददारों को फ्लैट नहीं देने पर आम्रपाली समूह के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह के 3 डायरेक्टरों को पुलिस हिरासत में लेने का आदेश दिया है.

मंगलवार को जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की पीठ ने पुलिस को कोर्ट के अंदर बुलाया और आदेश दिया कि आम्रपाली समूह के डायरेक्टर अनिल कुमार शर्मा, शोव प्रिया और अजय कुमार को तब तक के लिए हिरासत में लिया जाए, जब तक वे फॉरेंसिक ऑडिट के पूरे दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा देते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इन डायरेक्टरों ने साल 2015 से अपने अकाउंट तक तैयार नहीं किए. इन पर घर खरीददारों के पैसे दूसरी जगह लगाने का भी आरोप है. जब तक ऑडिटर्स के ज़रूरी कागजात मुहैया नहीं कराए जाते हैं, तब तक तीनों डायरेक्टर पुलिस हिरासत में ही रहेंगे. पुलिस हिरासत में एक दिन से एक महीना भी लग सकता है. इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले के आदेश का पालन नहीं होने पर कहा कि जब हमने 26 सितंबर को सभी रिकार्ड 24 घंटे में देने को कहा था, तो अब तक आदेश का अमल क्यों नहीं हुआ? शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस, नोएडा पुलिस और ग्रेटर नोएडा पुलिस को आपस में समन्वय करने और सारे अकाउंट संबंधी रिकॉर्ड सीज कर ऑडिटर्स को दाखिल करने को कहा है.

इससे पहले अगस्त में शीर्ष अदालत ने आम्रपाली ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टरों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर आपने हमसे चालाकी दिखाने की कोशिश की, तो गंभीर परिणाम भुगतान होंगे. हम आपको बेघर कर देंगे.

सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली समूह के मैनेजिंग डायरेक्टर और डायरेक्टरों से साफ शब्दों में कहा था कि आपने लोगों को घर के लिए भटकने के लिए बाध्य किया है. हम आपकी सारी संपत्ति बेच देंगे. आपका घर भी बेच देंगे. आप भी ऐसे ही अपने घर को देखेंगे जैसे दूसरे फ्लैट खरीदार देख रहे है.

अदालत ने इनसे पूछा था कि आप अपनी सम्पतियों को बेचकर कैसे 5,112 करोड़ रुपये इकठ्ठा करेंगे. इसका प्रपोजल देकर हमको बताएं, ताकि अधूरे हाउसिंग प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके. सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप के डायरेक्टर और प्रमोटरों को अपनी चल और अचल संपत्तियों का पूरा ब्योरा भी पेश करने को कहा था.

इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने बिजली कंपनियों को निर्देश दिया था कि वे आम्रपाली समूह की दो परियोजनाओं में बिजली आपूर्ति बहाल करें. बिजली बिल बकाया रहने के कारण सिलिकॉन सिटी और जुड़ियाक प्रोजेक्ट को बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई थी. शीर्ष अदालत ने आम्रपाली समूह के सेवारत निदेशकों या 2008 से अब तक कंपनी छोड़ चुके डायक्टरों का भी ब्योरा मांगा.

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