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अकरम का खुलासा- मियांदाद का चेतन को छक्का जड़ने में मेरा हाथ

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और महान तेज गेंदबाज वसीम अकरम ने खुलासा किया है कि 1986 में शारजाह में जावेद मियांदाद ने जो चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का मारा था उसमें सबसे बड़ा हाथ मेरा था.

दुबई में आयोजित ‘आजतक’ के कॉन्क्लेव ‘सलाम क्रिकेट’ में अकरम ने कहा- पूरी दुनिया जानती है कि शारजाह में उस दिन जावेद मियांदाद ने चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का लगाकर भारत से जीत छीन ली, लेकिन एक बात शायद कोई नहीं जानता.

अकरम ने राज पर से पर्दा उठाते हुए कहा कि जावेद मियांदाद ने जिस बल्ले से चेतन शर्मा की गेंद पर छक्का लगाया वह मेरा था. जब उस मैच को जीतने के लिए पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर 4 रनों की जरूरत थी तो मियांदाद ने छक्का मारने के लिए मेरा बैट मंगवाया था.

अकरम ने बताया कि मेरा वह बैट बहुत खास था और काफी बड़ा था. इसके अलावा चार दफा उसका ऑक्शन हो चुका है. अकरम के साथ मौजूद पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने कहा कि चेतन का आखिरी गेंद पर यॉर्कर गलत चला गया जिससे उस पर छक्का पड़ गया और भारत मैच हार गया.

अकरम ने कहा- यह मैच जीतने के बाद हमने शराब की जगह सॉफ्ट ड्रिंक पीकर जीत का जश्न मनाया था.

आपको बता दें कि 1986 में ऑस्ट्रेलेशिया कप का फाइनल मुकाबला था. भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे. मैच जीतने के लिए पाकिस्तान को आखिरी गेंद पर चार रनों की जरूरत थी. गेंद चेतन शर्मा के हाथों में थी और सामने क्रीज पर मियांदाद.

चेतन शर्मा ने यॉर्कर लेंथ गेंद डालने की कोशिश की पर यह फुलटॉस चली गई और मियांदाद मौका नहीं चूके. उन्होंने गेंद को 6 रनों के लिए बाउंड्री पार पहुंचा दिया. इसके साथ ही पाकिस्तान ने किसी बड़े टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार भारत को हरा दिया.

जावेद मियांदाद ने अपनी किताब में लिखा है, ‘मैंने पहले से ही तय कर लिया था कि यह गेंद बाउंड्री पार जाएगी. मैं शतक बना कर खेल रहा था इसलिए गेंद को समझने में तनिक भी दिक्कत नहीं हो रही थी.’

उन्होंने कहा, ‘अब भारतीय कहते हैं कि चेतन शर्मा यॉर्कर डालने की कोशिश कर रहे थे पर मुझे तो लगता है कि वो गेंद उनके हाथों से फिसल गई थी. मुझे फुलटॉस मिला वो भी कमर के पास और लेग साइड में, मैंने बल्ला चला दिया. फिर क्या था, हम जीत गए. पाकिस्तान जीत गया.’

वसीम अकरम ने कहा पाकिस्तान ने जिस तरह ऑस्ट्रेलिया में 1992 वर्ल्ड कप जीत वो मैं कभी नहीं भूल पाया और चेन्नई टेस्ट 1999 में भारत के खिलाफ जीत मेरे करियर का यादगार लम्हा था.

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