दिग्विजय बोले- मैं CM पद की रेस में नहीं, जो कह दिया सो कह दिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर खुद को राज्य के सीएम पद की रेस से बाहर बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर ‘दिग्विजय फॉर सीएम’ कैंपेन चलाने वालों को भी फटकार लगाई है. पार्टी के पूर्व महासचिव ने ने ट्वीट कर इस पूरे मसले पर अपना पक्ष रखा है.
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, ‘जिन लोगों ने भी ‘दिग्विजय फॉर सीएम’ शुरू किया है वो मेरे शुभचिंतक नहीं हैं. मैं एक दशक तक मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री रह चुका हूं और पहले ही साफ कर चुका हूं कि मैं सीएम रेस से बाहर हूं, ऐसे में अपने बयान से पलटने का कोई सवाल ही नहीं. मैं उनमें से नहीं जो कहे कुछ और करे कुछ.’
सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के भोपाल दौरे पर सड़कों पर लगे कटआउट से मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की फोटो गायब थी, हालांकि कांग्रेस के पोस्टर में उन्हें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ जगह दी गई थी. इसके बाद ट्विटर पर ‘दिग्विजय फॉर सीएम’ हैशटेग के साथ कई यूजर्स ने ट्वीट किए जिसमें दिग्विजय को सीएम पद के लिए सबसे काबिल नेता बताया जा रहा है.
सोशल मीडिया पर कोई उन्हें सच्चा हिन्दू तो कोई विशाल हृदय और दृढ़ निश्चय वाला नेता बता रहा है. इन्हीं सब बयानों के बाद मंगलवार को दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर खुद को सीएम की कुर्सी की रेस से बाहर बता दिया है. हालांकि इससे पहले भी जब कमलनाथ को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी गई थी, तब भी दिग्विजय ने कहा था कि वो सीएम की रेस से बाहर हैं और पार्टी को जीत दिलाने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.
साल 2003 में मध्य प्रदेश की सत्ता से बेदखल होने के बाद भी दिग्विजय ने 10 साल के लिए राज्य की सियासत से संन्यास का ऐलान किया था. अपने बात को मजबूती से लागू करते हुए वो एक दशक तक दिल्ली की राजनीति में तो सक्रिय रहे लेकिन मध्य प्रदेश की सियासत से कोई वास्ता नहीं रखा. इस दौरान वो राज्यसभा सदस्य बने और कई राज्यों में कांग्रेस के प्रभारी का पद भी संभाला. वनवास पूरा होने के बाद एक बार फिर से कमलनाथ की अगुवाई में दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश में कांग्रेस को सत्ता की कुर्सी तक पहुंचाने की कोशिशों में जुट गए हैं.