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छत्तीसगढ़: करके सोलह श्रृंगार, महिलाएं मना रही हैं तीज का त्योहार

रायपुर: प्रदेश भर में महिलाएं पति की लंबी आयु, शादीशुदा जीवन में सुख शांति और लड़कियां मनचाहा वर पाने के लिए हरतालिका तीज का निर्जल उपवास रख रही हैं. हाथों में मेंहदी, हरी चूड़ियां सोलह श्रृंगार किए महिलाएं गौरी-शंकर से प्रेम और आशीर्वाद का वरदान मांग रही हैं. मुख्यमंत्री रमन सिंह ने भी तीज की शुभकामनाएं दी हैं.

सावन का महीना पूजा-पाठ और व्रत त्योहारों का महीना होता है. सावन की रिमझिम फुहारों के साथ प्रकृति वातावरण को हरी चादर ओढ़ा देती है. सावन के बाद आता है भादौ और भादौ के शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरतालिका तीज के रूप में मनाया जाता है. छत्तीसगढ़ में भी तीज के रंग देखने को मिले.

भगवान शिव और माता पार्वती की होती है आराधना
आज सुहागने पूरी तरह तैयार होकर अपने सुहाग की लंबी उम्र के लिए व्रत करती है. घरों और मंदिरो में शिव भगवान का पूजन किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को सबसे पहली बार मां पार्वती ने भगवान शंकर के लिए किया था, जिसके बाद मां पार्वती को पति के रूप में भगवान शंकर प्राप्त हुए.

ऐसे रखते हैं व्रत
सुबह उठकर महिलाएं घर की साफ-सफाई करने के बाद स्नान करती हैं. उसके बाद भगवान शंकर और माता पार्वती की पूजा की जाती है.
लकड़ी की चौकी पर गंगाजल और मिट्टी से प्रतिमाएं बनाई जाती हैं. भगवान गणेश, रिद्धि-सिद्धि, शिवलिंग और माता पार्वती की मूर्ति बनाई जाती है.
पूरे दिन भगवान का स्मरण करते हुए शिव के नाम का जाप किया जाता है. शिव मंत्र और कथा भी सुनाई जाती है.
पूरी रात महिलाएं और लड़कियां भजन करते हुए जागती हैं.
कहते हैं उपवास के दौरान गुस्सा नहीं करना चाहिए और न ही अपशब्द का इस्तेमाल करना चाहिए.

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