MP: SC-ST एक्ट नहीं है सपाक्स का मुख्य मुद्दा, इस खास वजह से CM शिवराज का है सबसे बड़ा विरोधी
भोपाल। ग्वालियर, भोपाल, जबलपुर, इंदौर यानी मध्य प्रदेश के चारों बड़े शहर सपाक्स की एक आवाज पर शांत हो गए. केवल बड़े शहर ही नहीं, पूरे प्रदेश में सपाक्स के बुलाए भारत बंद का असर दिख रहा है. लोग घरों में बंद हैं, शहरों के चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा बलों के अलावा कुछ भी नहीं.
आप सोच रहे होंगे सपाक्स का ये शक्ति प्रदर्शन केवल SC-ST एक्ट के विरोध में है जबकि इसे अभी केवल अध्यादेश के रूप में जारी किया गया है. तो आप गलत सोच रहे हैं, सपाक्स का विरोध केवल SC-ST एक्ट के लिए नहीं है, इसके विरोध की वजह इसके गठन में ही छिपी है. SC-ST वर्ग को पदोन्नति में आरक्षण की मुखालफत ही इस संगठन का मुख्य उद्देश्य है. जिसका जिक्र उसकी आधिकारिक वेबसाइट पर भी है. जब सूबे के मुखिया सीएम शिवराज इस उद्देश्य में बाधा बने और उन्होंने पदोन्नति में आरक्षण की वकालत की, वहीं से सपाक्स उनके लिए सबसे बड़ा विरोधी संगठन बन गया.
‘कोई माई का लाल आरक्षण खत्म नहीं कर सकता’, सीएम का ये दावा, इसके साथ ही जबलपुर हाईकोर्ट के पदोन्नति में आरक्षण खत्म करने के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार का सुप्रीम कोर्ट जाना, ये दोनों ही मुद्दे सपाक्स को सीएम शिवराज और बीजेपी के खिलाफ खड़े होने की बड़ी वजह हैं, जिनके चलते वह सूबे के मुखिया शिवराज सिंह की सियासी राह को मुश्किल बनाएगी. ईनाडु इंडिया मध्यप्रदेश.