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यह भी जानें: आप कटे-फटे नोटों से इन जगहों पर कर सकते हैं पेमेंट

पानी या पसीने में भीगकर नोट फट जाने की घटना अक्सर लोगों के साथ पेश आती है। अगर आपके पास भी इस तरह के नोट हैं और आप उसे इस्तेमाल करना चाहते हैं तो बैंक इन नोटों को बदलने की सुविधा दे रहा है।

नोट बदलने की आरबीआई एक्ट की धारा 28 के तहत लोगों के पास कटे-फटे और पुराने नोटों को बदलने के लिए बैंक कोई शुल्क नहीं लेंगे। साथ ही आरबीआई ने इन फटे-पुराने नोटों से किसी भी सरकारी बकाए के भुगतान की सुविधा भी दी है।

जरूरी बातेंः

20 नोट या पांच हजार रुपये से ज्यादा की रकम बदलने पर बैंक इस पर चार्ज वसूल सकता है।

01 हजार रुपये तक के सिक्के एक दिन में बैंकों में जमा किए जा सकते हैं।

किसी भी शाखा में बदल सकते हैं नोट
आरबीआई के अनुसार, ग्राहक अपने कटे-फटे और पुराने नोटों को किसी भी बैंक के किसी भी शाखा पर जाकर बदल सकता है। इसके लिए जरूरी नहीं कि उस बैंक या शाखा में ग्राहक का खाता हो। इतना ही नहीं बैंक इसके लिए ग्राहक से किसी भी प्रकार का शुल्क नहीं ले सकेंगे।

खाते में डाल सकते हैं रकम
अगर आप गंदे और फटे पुराने नोटों को बदलकर नए नोट लेने के बजाए इस रकम को अपने खाते में डालना चाहता हैं तो बैंक इसकी भी सुविधा देगा। आरबीआई का कहना है कि ऐसे ग्राहक अपने खाते में पुराने नोटों के बराबर रकम जमा कर सकते हैं।

नोट के कई टुकड़े हो जाएं तो भी चिंता नहीं
अगर किसी नोट के 5 टुकड़े हो गए हैं, तो इन्हें आप नॉन-चेस्ट शाखाओं में ही बदल सकते हैं। वहां संबंधित अधिकारी ऐसे नोटों को जोड़ने की कोशिश करेगा और फिर उसे बदलने की प्रक्रिया में ले जाएगा। लेकिन अगर वह ऐसा करने में सक्षम नहीं होता है तो नोट को करेंसी चेस्ट में भेजा जाएगा। इस रकम का भुगतान ग्राहक को 30 दिन के भीतर करना होगा। नोट बदले जाने के बाद उस मूल्य की कुल रकम ग्राहक के खाते में स्वत: आ जाएगी।

इन हालातों में नहीं बदलेंगे नोट
ऐसे नोट जो बुरी तरह खराब हो गए हों या जल गए हों, उन्हें बैंक की शाखाओं में नहीं बदला जाएगा।

नारे या राजनीतिक प्रकृति के संदेश लिखे नोट की कानूनी निविदा समाप्त हो जाती है। ऐसे नोट बदलने का दावा नहीं किया जा सकता।

अगर नोट को जानबूझकर बेतरतीब तरीके से काटा गया है तो उन्हें बदलने का दावा नहीं माना जाएगा।

बिल का भी भुगतान करें
कटे-फटे नोट से सरकारी बकाये का भुगतान भी कर सकेंगे। अगर नोट से कोई जरूरी फीचर गायब नहीं हुआ है तो उससे हाउस टैक्स, सीवर टैक्स, वाटर टैक्स, बिजली-पानी बिल आदि का भुगतान किया जा सकता है।

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