राजेश साहनी की पत्नी ने कहा-एटीएस से तबादला चाहते थे मेरे पति
यूपी एटीएस के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) राजेश साहनी की मौत को आत्महत्या बताने वाली जांच रिपोर्ट के कारण पुलिस विभाग में मचे घमासान के बीच उनकी पत्नी सोनी साहनी के बयान से मामले में नया मोड़ आ गया है। सोनी साहनी का कहना है कि आईएसआई एजेंट रमेश सिंह की गिरफ्तारी करने के बाद से मेरे पति काफी तनाव में थे और वह एटीएस से अपना तबादला चाहते थे।
राजेश की मौत पर एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्ण की रिपोर्ट पर यूपी एटीएस के आईजी असीम अरुण के पत्र से पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है। डीजीपी ओपी सिंह को लिखे पत्र में आईजी असीम ने जांच रिपोर्ट पर गहरा असंतोष जताते हुए मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उधर, प्रदेश सरकार की संस्तुति के बाद भी सीबीआई ने अभी तक इस मामले की जांच अपने हाथ में नहीं ली है।
आईएसआई एजेंट की गिरफ्तारी के बाद से परेशान थे
इन विवादों के बीच राजेश की पत्नी सोनी ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनके पति कुछ दिनों से काफी परेशान रहने लगे थे और वह चाहते थे कि उन्हें एटीएस से स्थानान्तरित कर दिया जाए। लखनऊ जोन के एडीजी राजीव कृष्ण ने एटीएस कार्यालय में राजेश की मौत की प्रशासनिक जांच की है। रिपोर्ट में एटीएस की कार्यप्रणाली व माहौल पर की गई टिप्पणियों ने एक नए विवाद को भी जन्म दे दिया है। डीआईजी कानून-व्यवस्था प्रवीण कुमार ने कहा कि आईजी असीम अरुण ने सीबीआई जांच की मांग है। इसके लिए शासन स्तर से पहले ही पत्र भेजा जा चुका है।
आईजी ने इन वजहों से जताया एतराज
डीजीपी को लिखे पत्र में आईजी असीम अरुण ने कहा है कि एडीजी की जांच रिपोर्ट एटीएस का मनोबल गिराने वाली है। एटीएस की छवि खराब करने की कोशिशों के तहत ही इस जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया था। उन्होंने एएसपी अजय मिश्र को जांच टीम में शामिल करने पर भी एतराज जताया है। अजय यूपी पीपीएस एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं और राजेश के मित्र थे। असीम का कहना है कि आत्महत्या की वजह पता करने में साहनी के मोबाइल की जांच सबसे अहम हो सकती थी। जांच टीम ने इसके लिए कोई प्रयास ही नहीं किया।
उत्तराखंड से हुई थी रमेश सिंह की गिरफ्तारी
‘आईएसआई’ के लिए जासूसी करने के आरोपी रमेश सिंह को 22 मई 2018 को उत्तराखंड के पिथौरागढ़ से गिरफ्तार किया गया था। एटीएस ने उसे मिलिट्री इंटेलीजेंस की जम्मू-कश्मीर यूनिट व उत्तराखंड पुलिस की मदद से पकड़ा था। राजेश भी इस टीम में थे। पिथौरागढ़ की कोर्ट से रिमांड लेकर एटीएस रमेश को लखनऊ ले आई थी। शुरुआती पूछताछ में उसने जुर्म कुबूल किया था और अहम सूचनाएं आईएसाई को देने की बात स्वीकार की थी।
अहम घटनाक्रम
29 मई 2018 : एटीएस के एएसपी राजेश साहनी ने दफ्तर में सर्विस पिस्टल से गोली मारकर खुदकुशी कर ली।
30 मई 2018 : पीपीएस एसोसिएशन ने सीबीआई जांच की मांग उठाई। डीजीपी ने एडीजी जोन लखनऊ राजीव कृष्णा को जांच सौंपी।
31 मई 2018 : मुख्यमंत्री के निर्देश पर शासन ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।
जुलाई 2018 : एडीजी लखनऊ जोन राजीव कृष्णा ने डीजीपी ओपी सिंह को जांच रिपोर्ट सौंपी
अगस्त 2018 : आईजी एटीएस ने डीजीपी को लिखी चिट्ठी लिखकर एडीजी की जांच पर उठाए सवाल