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कानपुरः बरसात में पांडु नदी का कहर, 1200 लोग बेघर

तीन दिन की लगातार बारिश के बाद पाण्डु नदी ने उफनाना शुरू कर दिया है। बढ़ते जलस्तर के कारण पाण्डु का पानी आसपास के इलाकों में घुसने लगा है। नदी के तट पर बसे रविदासपुरम, मायापुरम और वरुण विहार में रहने वाले लोगों के मकान पूरी तरह पानी से घिर गए हैं। कुछ लोगों के घरों में भी पानी प्रवेश करने लगा है। बाढ़ से 15 गांव भी बुरी तरह प्रभावित हैं, वहीं दो गांव पूरी तरह से पानी से घिर गए हैं। इन गांवों में यातायात के लिए नाव लगाई गई है। वहीं जिला प्रशासन ने बाढ़ के चलते बेघर हुए 1200 लोगों के लिए 13 राहत केंद्र बनाए हैं। जैसे-जैसे गांवों में पानी घुस रहा है, राहत केंद्रों पर लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है।

पाण्डु नदी ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है। गांव, बस्तियों के अलावा तट पर बसे करीब 100 से अधिक कच्चे मकान पूरी तरह पानी से घिर गए हैं। यहां रहने वाले लोगों के लिए प्रशासन ने मदद मुहैया कराने के साथ उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का निर्देश दिया है। हालांकि अभी तक सभी ने अपना घर नहीं छोड़ा है। पाण्डु का बढ़ता जलस्तर गुजैनी, सचेंडी, मेहरबान सिंह का पुरवा, टिकरा, रौतेपुरस पनकी समेत कई क्षेत्रों में घुस रहा है। इसको देखते हुए डीएम ने अलर्ट जारी कर रखा है। पनकी के कई क्षेत्रों में पानी घुसने की खबर मिलते ही एडीएम सिटी सतीश पाल सुंदर नगर पहुंचे। वहां लोगों को आश्वस्त किया कि जल्द जलभराव से क्षेत्र को मुक्ति दिलाई जाएगी।

पाण्डु के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए उन्होंने पनकी मंदिर स्थित सेल्टर होम में 250 और विद्युत परिषद इंटर कॉलेज में बाढ़ पीड़ितों के रहने का एडवांस में इंतजाम करा लिया है। जिससे कि कभी भी जरूरत पड़ने पर लोग वहां शरण ले सके। तहसीलदार विजय यादव ने भौंतीखेड़ा, टिकरा, सुरार, बचऊपुर, सचेंडी का निरीक्षण किया। ये सभी गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। भौंतीखेड़ा पूरी तरह बाढ़ के कारण कट गया है। वहां यातायात के लिए नाव लगाई गई है। साथ ही भौंती स्थित राजकीय इंटर कॉलेज को राहत केंद्र बना दिया गया है। भौंतीखेड़ा गांव में कुछ लोग बीमार थे, जिन्हें बोट से अस्पताल लाकर भर्ती कराया गया है। एसीएम प्रथम आरपी वर्मा ने मायापुरम क्षेत्र का निरीक्षण किया। यहां अधिकतर मकान पानी से घिरे हुए हैं।

एडीएम वित्त संजय चौहान ने बाढ़ प्रभावित कई क्षेत्रों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि कुल 14 राहत शिविर बना दिए गए हैं। अब तक बाढ़ से दो पक्के मकान और 343 कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वहीं 13 पशुओं की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक पशुओं का इलाज चल रहा है।

राहत केंद्र नागरिक
मिलन केंद्र, मेहरबान सिंह का पुरवा 250
विश्वंभर सिंह इंटर कॉलेज, गुजैनी 150
जनप्रिया शिक्षा निकेतन, टिकरा 250
प्राइमरी स्कूल, टिकरा 50
जूनियर हाईस्कूल, रौतेपुर 50
पंचायत घर, रौतेपुर 50
केपीएम बालिका इंटर कॉलेज, रौतेपुर 55
दादा लॉन 100
प्राइमरी पाठशाला, गुजैनी 50
मुलायम सिंह गेस्ट हाउस, मेहरबान सिंह का पुरवा 20
राम सिंह गेस्ट हाउस 50
वृद्धाश्रम, मेहरबान सिंह का पुरवा 30
जूनियर हाईस्कूल, मेहरबान सिंह का पुरवा 20

कोट –
पाण्डु नदी के उफान से पानी गांव और बस्तियों में प्रवेश कर गया है। बाढ़ से प्रभावित सभी क्षेत्रों में राहत के इंतजाम किए गए हैं। जरूरत पड़ी तो और अधिक राहत केंद्र बनाए जाएंगे। सभी मजिस्ट्रेट, विभागीय अधिकारियों के साथ सिविल डिफेंस के वालंटियर्स भी राहत कार्य में लगे हैं।
विजय विश्वास पंत, डीएम

ये बने कंट्रोल रूम
कंट्रोल रूम नंबर
कमिश्नर कार्यालय 2304304
डीएम कार्यालय 1077 (टोल फ्री नंबर)
नगर निगम कार्यालय 2526004, 2526005

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