मणिपुर फर्जी एनकाउंटर मामला: CBI की जांच से SC नाराज, डायरेक्टर को किया तलब
मणिपुर फर्जी एनकाउंटर मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच के प्रगति से सुप्रीम कोर्ट नाराज है. कोर्ट ने सीबीआई डायरेक्टर को सोमवार को पेश होने को कहा है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को मणिपुर में सेना, असम राइफल्स और पुलिस द्वारा कथित हत्याओं और फर्जी मुठभेड़ों के चार मामलों में 27 जुलाई तक अंतिम रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि सीबीआई की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम यानी SIT में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग NHRC के दो अफसरों को भी शामिल किया जाए.
शुक्रवार को केस की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मामले की जांच कब तक पूरी होगी इसपर हमें एक टाइमलाइन चाहिए. न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने सीबीआई डायरेक्टर को पेश होने को कहा है.
इससे पहले मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि ये दो अफसर कथित फर्ज़ी मुठभेड़ के इन चार मामलों को छोड़कर बाकी तमाम मामलों की जांच में भी शामिल रहेंगे. इनको तमाम दस्तावेज़ और ज़रूरी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं. चार्जशीट तैयार करने और ट्रायल कोर्ट में दाखिल करने में भी ये अधिकारी योगदान करेंगे.
गौरतलब है कि कोर्ट मणिपुर में अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के 1,528 मामलों की जांच के लिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रहा है. कोर्ट ने पिछले साल 14 जुलाई को एक एसआईटी गठित की थी और एफआईआर दर्ज कराने और कथित अतिरिक्त न्यायिक हत्याओं के मामलों की जांच का आदेश दिया था.
मामले में पहले भी CBI को पड़ चुकी है सुप्रीम कोर्ट की फटकार
ये कोई पहली बार नहीं है कि कोर्ट ने इसी मामले में सीबीआई को डांट लगाई हो. इससे पहले भी कोर्ट ने सीबीआई के कामकाज के तौर तरीकों पर गहरी नाराजगी जताई थी.सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो एफआईआर दर्ज की गई उनसे तो यही लगता है कि ये पीड़ितों के ही खिलाफ है. कोर्ट ने फटकार लगाने के बाद कहा था कि हम चाहते हैं कि जांच तेजी से हो और कार्रवाई भी फटाफट की जाए.
कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने भरोसा जताया था कि वो इस दिशा में काम कर रही है और जल्द ही आरोपी उसकी पकड़ में होंगे. कोर्ट ने कहा था कि आपकी दलीलें संतोषजनक नहीं है. आप काउंटर एफआईआर भी दर्ज करें. इस पर सीबीआई ने कहा था कि बिना शिकायतकर्ता के कैसे काउंटर एफआईआर दर्ज होगी. इस पर कोर्ट ने कहा था कि हम हैं ना शिकायतकर्ता. हम चाहते हैं कि सीबीआई सच की तह तक पहुंचे. इसलिए आपको जांच सौंपी गई है.