Top Stories

छोटे टैक्स धारकों को बड़ी राहत, विवाद के ये मामले अब नहीं जाएंगे कोर्ट

टैक्स सीजन में छोटे टैक्स धारकों को राहत देने के लिए आय कर विभाग ने एक बड़ा कदम उठाया है. आय कर विभाग ने टैक्स विवाद के मामलों को कोर्ट में ले जाने के लिए तय मौद्रिक सीमा में बढ़ोतरी कर दी है.

पीयूष गोयल ने बताया कि याच‍िकाएं दायर करने के लिए किसी मामले पर विचार करने की सीमा को बढ़ा दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इससे वे मामले कोर्ट से वापस ले लिए जाएंगे, जिनमें 5600 करोड़ रुपये की रकम फंसी हुई है. इससे टैक्सपेयर्स के बीच विश्वास की भावना जागेगी.

वित्त मंत्रालय ने आय कर विभाग की तरफ से अपील दायर करने के लिए तय मौद्रिक सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया है. यह सीमा अलग-अलग स्तर पर उठाई गई है. नई व्यवस्था अपीलेट ट्र‍िब्यूनल्स, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में फंसे मामलों पर भी लागू होगी.

मंत्रालय के मुताबिक ट्रिब्यूनल्स में किसी मामले को भेजने की सीमा 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख की जाएगी. वहीं, हाईकोर्ट में उन मामलों को ही भेजा जाएगा, जिन मामलों में 50 लाख रुपये से ज्यादा की रकम पर विवाद हो. पहले यह सीमा 20 लाख रुपये थी.

सुप्रीम कोर्ट की बात करें तो यहां मौजूदा 25 लाख की सीमा को बढ़ाकर 1 करोड़ कर दिया गया है. इसका मतलब यह है कि टैक्स विवाद के उन मामलों को लेकर ही अलग-अलग कोर्ट में दायर किया जाएगा, जो इन मौद्रिक सीमाओं के तहत आते हों.

वित्त मंत्रालय के इस फैसले का फायदा छोटे टैक्स पेयर्स को मिलेगा. इसकी वजह से उनके पास ऐसे मामलों को विभागीय स्तर पर निपटाने का मौका रहेगा. इससे वे अदालती कार्यवाही से बच जाएंगे.

Related Articles

Back to top button