बुराड़ी मामला:परिवार के इन 11 लोगों की आंखें एक आई बैंक को दान कर दी गई।
दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 लोगों की रहस्यमयी मौत के मामले की गुत्थी उलझती ही जा रही हैै। हत्या-आत्महत्या में पुलिस अभी किसी भी कड़ी को सुलझा नहीं पाई है। घटनास्थल से कई रहस्यमयी बातें और सबूत भी मिलें है जिसे देखकर लग रहा है कि पूरा परिवार अंधविश्वास, तंत्र-मंत्र जैसी चीजों में फंसा था और उसी के कहने पर उन्होंने मोक्ष प्राप्ति के लिए आत्महत्या की। वहीं इन अनसुलझे सवालों के बीच यह परिवार 22 लोगों को रोशनी दे गया हैै। परिवार के इन 11 लोगों की आंखें एक आई बैंक को दान कर दी गई। मृतक परिवार के संबंधियों के अनुसार बुजुर्ग नारायण देवी (77) ने कहा था कि मरने के बाद उनकी आंखें दान कर देना। उनकी इसी बात को अंतिम इच्छा समझ कर उनके साथ परिवार के अन्य 10 सभी सदस्यों की आंखें भी दान कर दी। परिजन दिनेश ने कहा कि परिवार के सभी सदस्य धार्मिक विचारों वाले थे। मौत के बाद भी उनकी आंखों लोगों के काम आ सकेंगी। मृतकों की आंखें गुरु नानक आई सेंटर में सुरक्षित रखवा दी गई हैं। डॉक्टरों का कहना है कि इन आंखों से करीब 22 लोग देख सकेंगे। बता दें कि रविवार को बुराड़ी के एक ही परिवार के 11 लोग मृत पाए गए। 10 सदस्यों की आंखें और मुंह कपड़ों से बंधे हुए थे और उनके शव झूल रहे थे, जबकि 77 साल की एक महिला फर्श पर मृत पाई गई। उनकी आंखों और मुंह पर पट्टी नहीं बंधी थी, बच्चों के हाथ-पांव बंधे हुए थे।पुलिस इस मामले में हत्या और आत्महत्या दोनों ही एंगल से जांच कर रही है। रविवार को घर से दो रजिस्टर मिले जिनमें आध्यात्मिक और मोक्ष से संबंधित बातें लिखी थीं। दिल्ली पुलिस के अनुसार इसमें जिस तरह से हाथ, मुंह और आंखों पर पट्टियां बांधने की बात थी, कुछ लाशों पर वैसी ही पट्टियां बंधी हुई थी। सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या परिवार इस रजिस्टर के हिसाब से ही सामूहिक रूप से आत्महत्या कर रहा था?