आधार कार्ड का इस्तेमाल एक जुलाई से आसान होगा
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया गवर्नमेंट ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने एक जुलाई से आधार की वर्चुअल आईडी के इस्तेमाल को अनिवार्य कर दिया है। इसके बाद विभिन्न सेवाओं और दस्तावेजों के लिए आधार का इस्तेमाल और आसान हो जाएगा।
यूआईडीएआई की ओर से जनवरी में जारी सर्कुलर के मुताबिक, वर्चुअल आईडी (वीआईडी) एक 16 अंकों वाला विशिष्ट नंबर है, जिसे सिर्फ आधार धारक द्वारा ही बनाया अथवा बदला जा सकता है। हालांकि यह मुमकिन नहीं है कि इस वर्चुअल आईडी से आधार नंबर को पता किया जा सके। साथ ही किसी एक आधार नंबर से एक बार में सिर्फ एक ही एक्टिव वर्चुअल आईडी बनाई जा सकेगी।
वर्चुअल आईडी से बनी रहेगी गोपनीयता
आधार धारक यूआईडीएआई की वेबसाइट, आधार नामांकन केंद्र या एमआधार एप से अपनी वर्चुअल आईडी बना सकते हैं। इन सभी माध्यमों का इस्तेमाल करने के लिए धारक का मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना जरूरी है, क्योंकि वर्चुअल आईडी बनाते समय वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) इस नंबर पर आएगा। यह सुविधा दो अप्रैल से मिलनी शुरू हो चुकी है।
सुरक्षा कारणों से पड़ी जरूरत
आधार धारकों के निजता की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यूआईडीएआई ने बहुस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की पहल की है। इसे बनाने के बाद धारक किसी भी सत्यापन के लिए आधार नंबर की जगह वर्चुअल आईडी का इस्तेमाल कर सकता है।
ऐसे कर सकते हैं इस्तेमाल
किसी भी प्रमाणीकरण के लिए अब तक धारक को संबंधित कंपनी या एजेंसी के पास अपना 12 अंकों वाला आधार नंबर दर्ज कराना होता है। लेकिन 1 जुलाई के बाद कंपनी या एजेंसी को आधार नंबर की जगह 16 अंकों वाला वर्चुअल आईडी नंबर देना होगा, जिसके इस्तेमाल के समय आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर ओटीपी आएगा।
यहां पड़ेगी जरूरत
सभी बैंक, भुगतान बैंक, बीमा कंपनी, एनपीसीआई, पीपीआई, एनबीएफसी, टेलीकॉम ऑपरेटर या अन्य एजेंसियों पर प्रमाणीकरण के लिए आधार वर्चुअल आईडी की जरूरत पड़ेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि वी-आईडी एक तरह से आपके आधार नंबर का विकल्प होगा, जिसकी मदद से आपके आधार की गोपनीयता बनी रहेगी। इसका सबसे बड़ा लाभ ई-केवाईसी करने वाले उपभोक्ताओं को होगा।
पैन-आधार लिंक कराने का समय 30 जून तक
आपके पैन कार्ड को आधार से लिंक कराने की अंतिम समय-सीमा 30 जून है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स ने इसके बाद समय बढ़ाने से इनकार कर दिया है। लिहाजा अगर दोनों दस्तावेज लिंक नहीं कराए गए तो आपको ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने और टैक्स रिफंड लेने में मुश्किल आ सकती है।