महिला को निर्वस्त्र घुमाने की घटना को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया, डीएम और एसएसपी से स्वयं इस मामले को देखने को कहा
सोरांव के शाहजहांपुर गांव में गत दिनों स्थानीय दबंगों द्वारा महिला को निर्वस्त्र घुमाने की घटना को हाईकोर्ट ने गंभीरता से लिया है। इस मामले को विधि छात्रों की एक टीम ने जनहित याचिका के माध्यम से कोर्ट के समक्ष उठाया है। अदालत ने इलाहाबाद के डीएम और एसएसपी को विधि छात्रों की रिपोर्ट पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण घटना भविष्य में दोबारा न हो यह सुनिश्चित करना प्रशासन की जिम्मेदारी है। कोर्ट ने 21 जून को अगली सुनवाई के दिन उठाये गए कदमों की जानकारी मांगी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अजित कुमार की खंडपीठ ने विधि छात्राओं एशा सिंह व 12 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है। ह्यूमन राइट लॉ नेटवर्क से जुड़ी छात्राओं ने अखबार में छपी खबर के आधार पर गांव में जाकर मामले की जानकारी जुटाई। टीम ने जब स्थानीय पुलिस से महिला के अपमान पर कार्रवाई की जानकारी मांगी तो पुलिस ने कहा है कि यह निजी विवाद है। प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
जब महिला को निर्वस्त्र गांव में घुमाने के बाबत जिलाधिकारी व एसएसपी इलाहाबाद से पूछा गया तो उन्हें घटना की जानकारी ही नहीं थी। याचिकाकर्ताओं की रिपोर्ट के बाद भी जिला प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की। याचिका में पीड़िता को मुआवजा दिलाने और उनकी सुरक्षा के उपाय किए जाने की मांग की गई है। कोर्ट ने डीएम और एसएसपी से स्वयं इस मामले को देखने को कहा है ।