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पर्यावरण दिवस पर दिल्ली सरकार का लाखों का एड, खुद ही अमल नहीं किया

एक ओर सरकार की ओर से पर्यावरण दिवस के मौके पर नसीहत देते हुए अखबारों और टीवी चैनलों पर महंगे विज्ञापन दिए जाते हैं, तो दूसरी ओर वह खुद ही इन पर अमल नहीं करती. ऐसा ही कुछ किया दिल्ली सरकार ने.

हर साल राज्य सरकारें 5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर प्लास्टिक के इस्तेमाल न करने पर जोर देती हैं और विज्ञापनों के जरिए लोगों में जागरुकता का संदेश भी देती है, लेकिन हैरान करने वाली सच्चाई यह है कि पर्यावरण को सबसे ज्यादा प्रदूषित करने वाली प्लास्टिक का सरकारी समारोह में धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जाता है.

इफ्तार पार्टी में प्लास्टिक का इस्तेमाल

कुछ ऐसी ही तस्वीर दिखी पर्यावरण दिवस की पूर्वसंध्या पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में, जहां प्लास्टिक सामानों का जमकर इस्तेमाल किया गया. पर्यावरण दिवस के दिन अखबारों में विज्ञापन के जरिये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जनता से सामाजिक और सार्वजनिक समारोह में मिट्टी के कुल्हड़ इस्तेमाल करने की सलाह दी और उन्होंने खुद इस पर अमल नहीं किया.

अपनी अपील के जरिये मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘बीट प्लास्टिक पॉल्युशन’ का नारा बुलंद कर रहे हैं तो वहीं विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्वसंध्या पर आयोजित इफ्तार पार्टी में आम आदमी पार्टी सरकार प्लास्टिक की बोतलों के साथ नजर आई. इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री ईमरान हुसैन के अलावा कई मंत्री और पार्टी नेता मौजूद रहे, लेकिन कोई भी मंत्री या नेता प्लास्टिक बोतल को लेकर आपत्ति दर्ज करता नहीं दिखा.

आपको बता दें कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने भी 10 अगस्त 2017 को आदेश जारी करते हुए 50 माइक्रोन से कम की प्लास्टिक की थैलियों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा रखा है. साथ ही प्लास्टिक थैली इस्तेमाल करने पर 5 हजार रुपये तका दंड भी इस आदेश में शामिल है.

केजरीवाल की जनता से अपील

हालांकि विज्ञापन के जरिए केजरीवाल ने प्लास्टिक प्रदूषण से जुड़ी 3 बड़ी अपील जनता से की

1, शहरी इलाकों में आवारा घूमने वाले पशु अक्सर कूड़ा खाते हुए पाए जाते है जिसके साथ पशु प्लास्टिक की थैलियां भी खा जाते हैं जो उनके लिए घातक सिद्ध हो सकती है.

2, एक बार प्रयोग में आने वाले डिस्पोजेबल प्लास्टिक और प्लास्टिक की थैलियों को दोबारा उपयोग में न लाएं.

3, विकल्प के तौर पर कपड़े, जूट या कागज से बने थैलों का प्रयोग करना चाहिए. घर से बाहर निकलते समय पानी की बोतल साथ रखने से प्लास्टिक की बोतलों का कचरा कम होगा।

हैरानी की बात यह है कि इफ्तार पार्टी ही नहीं अन्य सरकारी आयोजनों में भी भारी संख्या में पानी के प्लास्टिक बोतलों का इस्तेमाल किया जाता है. इन प्लास्टिक को डिस्पोज करना बेहद मुश्किल होता है, इसके बावजूद सरकारें प्लास्टिक से निपटने और अपनी ही अपील को अमल में लाने के लिए कोई ठोस कदम उठाती नजर नहीं आ रही हैं.

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