कर्नाटक में भाजपा का नया पैंतरा, अब स्पीकर पद पर ठोका दावा
कर्नाटक में सरकार बनाने से चूकने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब भी सक्रिय है। वह हर कदम पर एक नया दांव खेलने के लिए तैयार है। इसी क्रम में भाजपा विधायक सुरेश कुमार ने गुरुवार को विधानसभा स्पीकर पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है। इस दौरान उनके साथ पार्टी के नेता वी सुनील और अश्वथ नारायण भी मौजूद रहे। वहीं, कांग्रसे के केआर रमेश कुमार ने भी विधानसभा स्पीकर पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल किया है। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और पार्टी अन्य नेता उपस्थित रहे।
अमूमन यह देखने में आया है कि ज्यादातर सत्ता पक्ष को ही स्पीकर का पद मिलता है।क्योंकि सदन का बहुमत उस पार्टी के पास होता है। इधर, राजनीतिक विशेषज्ञों का अनुमान है कि जिस तरह से जेडीएस ने कांग्रेस से गठबंधन के साथ सरकार बनाई है। इससे तो यही लगता है कि आगामी समय में एचडी कुमारस्वामी के सफर में मुश्किलें आती रहेंगी। क्योंकि उन्होंने सिर्फ सीएम पद के फेर में अपना दांव चला है। अब देखना दिलचस्प होगा कि उनका यह दांव कब तक सफल होता रहेगा।
कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से 222 सीटों पर हुए चुनाव में किसी एक पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है। यहां भाजपा को 104, कांग्रेस को 78 तथा जेडीएस को 38 सीटें और अन्य को दो सीटें मिली हैं।
कांग्रेस ने कर्नाटक में बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए 38 विधायकों वाली जेडीएस को राज्य में सरकार बनाने के लिए अपना समर्थन दिया है। इसके पीछे कांग्रेस का तर्क है कि उसने लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए इस तरह का कदम उठाया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के पास जरूरी संख्या नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 19 मई की शाम को शक्ति परीक्षण से पहले ही इस्तीफा दे दिया था, इससे पहले वह 100 फीसदी बहुमत साबित करने की बात कहते रहे। इसके बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन के नेता कुमारस्वामी को सरकार बनाने का न्यौता दिया। उन्होंने बुधवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राज्यपाल ने कुमारस्वामी को भी बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन दिए थे।
बता दें कि इस शपथग्रहण समारोह में 14 विपक्षी दलों के नेताओं ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराकर 2019 आम चुनाव के मद्देनजर मोदी विरोधी मोर्चे की तैयारियों की झलक पेश की।