नैनीताल में ऐतिहासिक बैंड स्टैंड की धुन पर थिरकेंगे पर्यटक, पुलिस ने शुरू की पहल
नैनीताल में जल्द ही पर्यटक ऐतिहासिक पुलिस बैंड स्टैंड की धुन पर थिरकते नजर आएंगे. सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटकों के मनोरंजन के लिए स्थानीय पुलिस ने सराहनीय पहल की है. उत्तराखंड में सैलानियों लुभाने के उददेश्य से यहां ऐतिहासिक पुलिस बैंड स्टैंड की तैनाती की जा रही है.
ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बनाए गए इस बैंड स्टैंड की तैनाती से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. नैनीताल में झील किनारे मल्लीताल के ऐतिहासिक बैंड स्टैंड में दशकों बाद फिर से पीएसी का बैंड बजेगा. रोज शाम छह से रात आठ बजे तक पीएससी के दो दर्जन से अधिक जवान मशकबीन व बैंड की धुन पर कुमाऊंनी-गढ़वाली और हिन्दी गीतों से पर्यटकों का मनोरंजन करेंगे.
हर शाम छह से आठ बजे तक नगरवासियों और सैलानियों को सीजन में लगातार पुलिस बैंड की धुन सुनने और उन धुनों पर थिरकने का अवसर मिलेगा. मालूम हो कि आजादी से पहले और बाद में ‘बैंड स्टैंड’ में सीजन के दौरान पुलिस और सेना का बैंड आकर्षण का केंद्र होता था.
नैनीताल के बैंड हाउस के निर्माण का श्रेय नगर के म्युनिसिपल कमिश्नर रहे अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणविद् और मशहूर शिकारी जिम कार्बेट को जाता है, जिन्होंने चार हजार रुपये से यहां पर बैंड स्टैंड बनावाया था. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के करीबी रहे कैप्टन राम सिंह ने यहां सीजन के दिनों में अपनी टीम के साथ बैंडवादन की शुरुआत की थी. दो दशक से ज्यादा समय तक वो यहां हर वर्ष नियमित रूप से सीजन के दौरान अपनी टीम के साथ बैंडवादन करते रहे.
बैंड स्टैंड का नए सिरे से जीर्णोद्धार किए जाने की वजह से यह परंपरा कुछ समय पहले बंद हो गई थी. उत्तराखंड के नैनीताल के पुलिस कप्तान जनमेजय खंडूरी ने बताया कि पुलिस ने इस परंपरा को दोबारा शुरू करने का बेड़ा उठाया है, ताकि नैनीताल में पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और देश-विदेश से नैनीताल आने वाले पर्यटकों का मनोरंजन हो सके.