कर्नाटक चुनावः पीएम ने की देवगौड़ा की तारीफ, ट्विटर पर भिड़े- सिद्धारमैया, कुमारस्वामी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कर्नाटक में अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की. उडुपी में आयोजित रैली में जेडी-एस प्रमुख और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा की तारीफ कर उन्होंने सभी को चौंका दिया. पीएम ने कहा कि वह देवगौड़ा जैसे वरिष्ठ नेता का बेहद सम्मान करते हैं.
चुनाव से महज 11 दिन देवगौड़ा के गढ़ में पीएम के इस बयान के बाद कयास लगने शुरू हो गए कि त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में बीजेपी और जेडी-एस के बीच गठबंधन हो सकता है. इसे लेकर देवगौड़ा के बेटे एचडी कुमारस्वामी और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच ट्विटर वॉर शुरू हो गई.
पीएम का बयान इसलिए भी चौंकाने वाला था क्योंकि एक दिन पहले ही देवेगौड़ा ने कहा था कि यदि उनके बेटे बीजेपी से गठबंधन करते हैं तो वह उनसे रिश्ता तोड़ लेंगे. उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि 2006 में बीजेपी से गठबंधन कर कुमारस्वामी एक बार उन्हें धोखा दे चुके हैं. इस बार अगर वह अपनी गलती दोहराते हैं तो वह उनसे रिश्ता तोड़ लेंगे.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया लगातार आरोप लगा रहे हैं कि जेडी-एस और कांग्रेस के बीच सीक्रेट डील हो चुकी है. पीएम के बयान के बाद सिद्धारमैया ने ट्वीट किया, “पीएम अचानक ही देवगौड़ा का सम्मान करने लगे हैं. ज्यादा समय नहीं बीता जब पीएम ने कहा था कि वह सिद्धारमैया को रिटायरमेंट होम में भेज देंगे. क्या पीएम का यह नया नवेला प्रेम इस बात का संकेत है कि जेडी-एस और बीजेपी के बीच सीक्रेट समझौता हो चुका है.”
वहीं बुधवार को एक और फोटो शेयर करते हुए सिद्धारमैया ने लिखा, “सबको पता है कि पीएम अपने सीनियर एलके आडवाणी का कितना सम्मान करते हैं और 2014 में उन्होंने देवगौड़ा को कितनी इज्जत बख्शी थी.” एक अखबार की फोटो शेयर करते हुए सिद्धारमैया ने लिखा कि पीएम को अपने सामने झुके 75 साल के बुजुर्ग (येदियुरप्पा) का भी सम्मान करना चाहिए.
सीएम ने आरोप लगाया कि कुमारस्वामी डील फाइनलाइज करने के लिए बीजेपी चीफ अमित शाह के साथ दिल्ली गए थे.
सिद्धारमैया के वार के बाद सोशल मीडिया पर अधिक एक्टिव नहीं रहने वाले कुमारस्वामी ने भी हमले के लिए ट्विटर का सहारा लिया. उन्होंने लिखा कि सिद्धारमैया को पता है कि वह चुनाव हारने वाले हैं इसलिए निराशा में ऐसे आरोप लगा रहे हैं.
जेडी-एस के सीएम पद के उम्मीदवार ने सिद्धारमैया को याद दिलाया कि 2016 में कावेरी जल विवाद को लेकर मार्गदर्शन के लिए वह भी देवगौड़ा से मिलने उनके घर आए थे. उन्होंने पूछा कि क्या उस वक्त वह जेडी-एस के साथ किसी सीक्रेड डील की उम्मीद से आए थे?
सिद्धारमैया ने देवगौड़ा से कहा कि वह यह भी याद करें कि 2014 लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी ने उनके खिलाफ क्या-क्या कहा था? अप्रैल 2014 में बेंगलुरु के येलाहांका में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए मोदी देवगौड़ा का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि उनके (मोदी के) पीएम बनने पर उन्हें (देवगौड़ा) को देश छोड़ने की जरूरत नहीं है. वह गुजरात में उनके घर में रह सकते हैं.
इससे नाराज देवगौड़ा ने कहा था कि उनका ख्याल रखने के लिए उनके 6 बच्चे काफी हैं और वह कोई ‘भिखारी’ नहीं हैं जो उनके सहारे की जरूरत पड़ेगी.
वोटर्स को कन्फ्यूज करने के लिए बीजेपी के खिलाफ बोल रहे देवगौड़ा
कर्नाटक के राजनीतिक विशेषज्ञों का दावा है कि बीजेपी के खिलाफ बयानबाजी कर देवगौड़ा अपने बेटे के बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए माहौल तैयार कर रहे हैं.
कन्नड़ के जानेमाने उपन्यासकार और विचारक विवेक शानबाग कहते हैं, “देवगौड़ा बेहद चालाक हैं. ऐसा कहकर वह संकेत दे रहे हैं कि उनके बेटे बीजेपी के साथ जा सकते हैं. पिछली बार जब कुमारस्वामी ने बीजेपी का साथ दिया था तब भी उन्होंने उनसे रिश्ते तोड़ लिये थे. इसमें कुछ नया नहीं है. वह फिर से उनसे रिश्ता तोड़ लेंगे.”
सिद्धारमैया और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शुरू से ही जेडी-एस पर बीजेपी की बी-टीम होने का आरोप लगा रहे हैं. विश्लेषकों का यह भी कहना है कि गौड़ा के इन बयानों से उनको दो फायदे हैं. पहला यह कि इससे मुस्लिम वोटरों को कन्फ्यूज किया जा सकता है और दूसरा यह कि 15 मई के बाद यदि उनकी पार्टी बीजेपी से हाथ मिलाती है तो वह यह कहकर बच जाएंगे कि वे ऐसा नहीं चाहते थे.