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किम अब द. कोरिया से मिलाएगा अपने देश का वक्त, 5 मई से आधा घंटा आगे हो जाएंगी उ. कोरिया की घड़ियां

2015 में दोनों देशों ने अलग-अलग टाइम जोन बना लिए थे
किम जब द. कोरिया आए थे तो दीवार पर दोनों देशों की टंगी घड़ियों पर अलग वक्त देखकर उन्हें काफी दुख हुआ

सियोल. उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच दोस्ती मजबूत करने का सिलसिला जारी है। अब उत्तर कोरिया ने एलान किया है कि वह दक्षिण कोरिया के टाइम जोन के हिसाब से वक्त मिलाने के लिए अपने देश की घड़ियों को 30 घंटे आगे कर लेगा। 27 अप्रैल को उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग-उन और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन पहली बार एक-दूसरे के हाथों में हाथ लेकर बातचीत की। दोनों नेता बॉर्डर पर बने डिमिलिट्राइज्ड जोन (असैन्य क्षेत्र) में करीब 28 सेकंड तक हैंडशैक करते रहे। इसके साथ दोनों देशों के बीच चली आ रही 65 साल की दूरियां खत्म हो गईं। बाद में करीब डेढ़ घंटे चली बातचीत में दोनों देश शांति समझौते के लिए भी राजी हो गए।

2015 में बदल लिए थे टाइम जोन
– 2015 में दोनों देशों ने अलग-अलग टाइम जोन बना लिए थे। उत्तर कोरिया ने अपना मानक समय दक्षिण कोरिया से 30 मिनट पीछे कर लिया था।
– उत्तर कोरिया ने इसे राष्ट्रीयता के तहत किया जाने वाला काम करार दिया है। कहा कि नया टाइम जोन उपनिवेश काल से पहले उत्तर कोरिया में था। बता दें कि 1910-45 तक उत्तर कोरिया, जापान के अधिकार में था।
– हालांकि केसीएनए का कहना है कि उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग-उन ने दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के साथ ऐतिहासिक मुलाकात में वादा किया था कि वे अपने देश का टाइम जोन उनके हिसाब से कर लेंगे।

दोनों देशों की घड़ियों में अलग वक्त देखकर दुख हुआ
– केसीएनए के मुताबिक, “किम जब दक्षिण कोरिया आए तो सीमा पर दोनों देशों की दीवार पर टंगी घड़ियों पर अलग वक्त देखकर उन्हें काफी दुख हुआ। उसी समय दोनों देशों के उन्होंने टाइम जोन को एक करने का फैसला किया। दोनों देशों को एक करने के लिए इस कदम को पहली व्यवहारिक कोशिश कहा जा सकता है।”
– उत्तर कोरिया की संसद ने भी दक्षिण कोरियाई टाइम जोन को अपनाने पर सोमवार को मुहर लगा दी है। 5 मई से दोनों देशों की घड़ियों का एक वक्त हो जाएगा।
– दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून के प्रवक्ता यून यंग-चान ने भी उत्तर कोरिया के फैसले की तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि इस प्रतीकात्मक कदम से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे।

भारत-चीन ने भी कर रखा है एक टाइम जोन
– चीन ने भी भारत के साथ एकता बनाए रखने के लिए अपने दूरस्थ पश्चिमी प्रांतों का टाइम जोन भारत के हिसाब से कर रखा है। चीन के इन प्रांतों में बीजिंग की तुलना में सूर्योदय 2 घंटे बाद होता है।

65 साल से खिंची लकीर 26 सेकंड में मिट गई
– उत्तर और दक्षिण कोरिया की डिमिलिट्राइज्ड जोन (असैन्य क्षेत्र) पर दोनों देशों के मून जई-इन और किम जोंग-उन की मीटिंग का पूरा दुनिया बेसब्री से इंतजार कर रही थी। इसे कवर करने के लिए 2833 मीडिया कर्मियों पहुंचे थे। इसमें 186 साउथ कोरिया के और 180 बाहरी देशों के मीडिया हाउस थे।
– डिमिलिट्राइज्ड जोन में मून जे-इन तानाशाह किम जोंग-उन का इंतजार कर रहे थे। किम तेजी से उनकी तरफ बढ़े। दोनों नेता पहले अपनी-अपनी सीमा में खड़े रहकर करीब 10 सेकंड तक हाथ मिलाते रहे। इसके बाद, मून ने किम को दक्षिण कोरिया की अपनी सीमा में आने की ओर इशारा किया। किम बड़ी सहजता से आगे बढ़े और करीब 8 सेकंड तक बातचीत करते रहे। इसके बाद मून ने फिर आगे बढ़ने के लिए कहा। लेकिन तभी किम ने मून को उत्तर कोरिया की जमीन (सीमा) में चलने के लिए कहा। यहां दोनों करीब 8 सेकंड तक रुके रहे। इसके बाद दोनों दक्षिण कोरिया के पन्मुन्जोम स्थित पीस हाउस (शांति घर) में चले गए थे। पीस हाउस दोनों देशों के बीच असैन्य क्षेत्र में बना मिलिट्री कंपाउंड है।
– बता दें कि दोनों देशों की आजादी के 65 साल बाद ये पहला मौका है जब उत्तर कोरिया का कोई तानाशाह दक्षिण कोरिया पहुंचा हो। 1953 के कोरियाई युद्ध के बाद ही दोनों देशों का बंटवारा हुआ था।

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