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सत्ता परिवर्तन:क्यूबा में 60 साल लंबे कास्त्रो युग का अंत,डियाज-कैनल होंगे नए राष्ट्रपति

लंबे समय से उपराष्ट्रपति रहे मिगेल डियाज कैनल को राष्ट्रपति राउल कास्त्रो द्वारा औपचारिक रूप से सत्ता की कमान सौंपने के साथ ही क्यूबा के राजनीतिक इतिहास में एक युग का अंत हो गया। सत्ता के इस हस्तानांतरण के साथ ही क्यूबा में कास्त्रो परिवार के छह दशक लंबे शासन का भी अंत हो गया। 57 वर्षीय डियाज-कैनल क्यूबा की कम्युनिस्ट पार्टी के एक शीर्ष नेता हैं। वह काफी लंबे समय से उपराष्ट्रपति के तौर पर देश को अपनी सेवाएं दे रहे थे। वर्ष 1959 में हुई क्यूबन क्रांति के बाद जन्मे और देश के अगले राष्ट्रपति बनने वाले डियाज-कैनल 60 साल के इतिहास में ऐसे पहले नेता होंगे, जिनके नाम में कास्त्रो नहीं जुड़ा है।

क्यूबा के राष्ट्रपिता माने जाने वाले फिदेल कास्त्रो और उनके छोटे भाई राउल कास्त्रो के नेतृत्व में शीत युद्ध के दौरान इस कैरिबियाई द्वीपीय देश ने अहम भूमिका निभायी और सोवियत संघ के विघटन के बावजूद क्यूबा में साम्यवाद जिंदा रहा। फिदेल कास्त्रो के बीमार रहने के चलते वर्ष 2006 से राउल कास्त्रो (86) क्यूबा की सत्ता संभाल रहे थे। ‘1961 बे ऑफ पिग्स’ की वर्षगांठ पर देश के नेता के तौर पर डियाज कैनल के नाम की औपचारिक पुष्टि की जाएगी। ‘1961 बे ऑफ पिग्स’ हमले में फिदेल कास्त्रो के सुरक्षा बलों ने 1,400 अमेरिका समर्थित उन विद्रोहियों को हराया था जो उनको उखाड़ फेंकना चाहते थे।

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