पीएम मोदी ने थेरेसा मे से की मुलाकात, कहा- दोनों देशों के रिश्तो को मिलेगी नई उर्जा
लंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी 3 देशों की यात्रा के दूसरे चरण में मंगलवार देर रात लंदन पहुंचे। यहां हिथ्रो हवाईअड्डे पर यूनाइटेड किंगडम के विदेश मामलों के सचिव बोरिस जॉनसन ने उनका स्वागत किया। इसके बाद स्थानीय समयानुसार सुबह 9 बजे उन्होंने ब्रिटिश प्रदानमंत्री थेरेसा मे से मुलाकात की।
इस दौरान दोनों के बीच कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पीएम मोदी ने कहा कि यह मेरे लिए खुशी की बात है कि भगवान बसवेश्वरा की जयंती के मौके पर मुझे यहां लोगों से बात करने का मौका मिलेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे पूरा भरोसा है कि ब्रिटेन और भारत के रिश्तों के बीच नई उर्जा आएगी। मुझे इस बात की भी खुशी है कि ब्रिटेन सोलर अलायंस का हिस्स बनेगा। मेरा मानना है कि यह ना सिर्फ क्लाइमेट चेंज से लड़ने के लिए है बल्कि भविष्य की जनरेशन के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है।
वहीं थेरेसा मे ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि हम साथ मिलकर भारत और ब्रिटेन के लोगों के लिए काम कर सकेंगे।
इस बैठक के बाद मोदी लंदन के साइंस म्यूजियम का दौरा करेंगे। आयुर्वेदिक सेंटर ऑफ एक्सलेंस में वह दोपहर का भोजन करेंगे। इसके बाद वह टेम्स नदी के किनारे स्थित बसावेशवारा की प्रतिमा को नमन करेंगे। ब्रिटिश प्रधानमंत्री के साथ उनकी दूसरी बैठक फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट में होनी है। इस दौरान मोदी उन भारतीय वैज्ञानिकों से मिलेंगे जो कैंसर, मलेरिया जैसी बीमारियों पर शोध कर रहे हैं। उसके बाद वह भारत-यूके सीईओ फोरम में हिस्सा लेंगे। बुधवार शाम को महारानी एलिजाबेथ से उन्हें वार्ता करनी है।
सेंट्रल हाल से ऐतिहासिक भाषण
नरेंद्र मोदी बुधवार शाम भारत की बात सबके साथ में हिस्सा लेंगे। लंदन के वेस्टमिंस्टर सेंट्रल हाल में इसका आयोजन होगा। इसका सजीव प्रसारण किया जाएगा। हालांकि व्यक्तिगत तौर पर इसमें कुल दो हजार लोग ही शामिल हो सकेंगे, लेकिन इसका प्रसारण उत्तरी ध्रुव से न्यूजीलैंड व सऊदी अरब से सेन फ्रांसिस्को तक किया जाएगा। सवाल सोशल मीडिया के जरिये मोदी तक पहुंच रहे हैं। 1946 में सेंट्रल हाल में ही संयुक्त राष्ट्र की आम सभा की पहली बैठक हुई थी। महात्मा गांधी के साथ मार्टिन लूथर किंग (जूनियर) यहां आ चुके हैं।
महारानी ने लिखा था पत्र
भारतीय उच्चायोग के अधिकारी दिनेश पटनायक का कहना है कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने खुद पत्र लिखकर मोदी को बैठक का न्योता दिया था। दो साल के लिए राष्ट्रमंडल देशों की कमान ब्रिटेन के पास है और यह आखिरी बार होगा जब महारानी इस बैठक की अध्यक्षता करेंगी, क्योंकि 91 साल की उम्र में उनके लिए दूसरे किसी देश में जाकर बैठक में शामिल होना संभव नहीं लगता। भारतीय पीएम ने इससे पहले 2009 में इस तरह के आयोजन में हिस्सा लिया था। माल्टा, कोलंबो, पर्थ में हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने शिरकत नहीं की थी।