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कठुआ रेप केस: गुस्से में बच्ची के पिता बोले- जब उसे लेफ्ट-राइट नहीं पता तो हिंदू-मुस्लिम क्या पता होगा?

जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आठ साल की बच्ची आसिफा के साथ हुए दुष्कर्म की घटना से पूरे देश में गुस्सा है। सोशल मीडिया से लेकर दिल्ली के इंडिया गेट तक बच्ची के साथ हुए गैंगरेप को लेकर लोग प्रदर्शऩ कर रहे हैं। जहां एक तरफ इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश है तो वहीं दूसरी तरफ इसे हिंदू-मुसलमान मुद्दे का रंग दिया जा रहा है। लेकिन इन सबके बीच आसिफा के पिता ने बयान दिया है।

अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में पिता ने कहा कि अगर उन लोगों को किसी बात का बदला ही लेना होता तो वो किसी और भी चुन सकते थे। वो एक मासूम सी बच्ची थी। उसे अपने हाथ और पांव के बारे में नहीं पता कि उसका दाहिना हाथ कौन सा है और बायां हाथ कौन सा है। कभी उसने ये नहीं समझा की हिंदू क्या होता है और मुसलमान क्या होता है। आसिफा तीनों बच्चों में सबसे छोटी थी।

दो बच्चों को गुजर जाने के बाद आसिफा को उसके पिता ने अपनी बहन से गोद लिया था। आसिफा की मां ने बताया कि हमने ये नहीं सोचा था कि हम अपनी बच्ची को डॉक्टर बनाएंगे, टीचर बनाएंगे, हमने इतनी बड़ी सोच रखी ही नहीं थी हमने तो ये सोच था कि पढ़ जाएगी तो अपने आप को देख लेगी और अपना वक्त गुज़ार लेगी, पढ़ लिखकर उसे रहने का तरीका आ जाएगा। खूबसूरत तो वो थी ही हमने सोचा था कि किसी अच्छे घर चली जाएगी।

पिता ने कहा कि हम कई सालों से यहां रह रह हैं लेकिन कठुआ में आज से पहले ऐसी कोई घटना नहीं हुई। हमारे पड़ोसी हिंदू हैं और सब एकसाथ मिलजुलकर रहते हैं बल्कि हम सब एक दूसरे के घर भी आया जाया करते हैं। आसिफा उन्हीं पड़ोसियों के बच्चों के साथ स्कूल जाती थी। पिछले कुछ सालों में यहां के हालात जरूर बदल गए हैं। लेकिन ऐसा कुछ होगा हमने ये कभी नहीं सोचा था।

पिता ने कहा कि हमें लगा था फसलों के नुकसान से सेनजी थोड़े गुस्सा हैं। हमें थप्पड़ मारेंगे, एफआईआर करा देंगे, या फिर हमें जुर्माना भरना पडे़गा। हमें नहीं पता था कि ये इतनी घिनौनी हरकत करेंगे। हम बस इतना कहना चाहते हैं कि रब किसी को नहीं छोड़ता, हक़ और नाहक़, जायज़ और नाजायज़ को देख रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस इस केस की निष्पक्ष जांच कर रही है।

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