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आंबेडकर के नाम पर राजनीति:बोलीं उमा-बीएसपी और कांग्रेस का विरोध गैरजरूरी

नई दिल्ली: बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी जोड़े जाने पर यूपी की बीजेपी सरकार विरोधी दलों के निशाने पर है। बीएसपी प्रमुख मायावती का कहना है कि बीजेपी के पास मुद्दों की कमी है, लिहाजा इस तरह की राजनीति कर रही है। दलित समुदाय का वोट पाने के लिए तमाम हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। लेकिन केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि समाज को बांटने की राजनीति एसपी और बीएसपी ही करती है।

उमा भारती ने कहा कि यदि मायावती, ममता बनर्जी और सोनिया गांधी को लगता है कि राम के नाम पर अगर राजनीति की जा रही है तो सबसे पहले उन्हें गांधी जी की मेमोरियल से ‘हे राम’ शब्द हटा देना चाहिए। दुख की बात ये है कि बीएसपी और कांग्रेस इस मुद्दे पर राजनीति कर रही हैं।

उत्तर प्रदेश में अब सभी सरकारी दस्तावेजों में भीमराव आंबेडकर के नाम में रामजी को जोड़ा जाएगा मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक काफी समय से सरकार को सुझाव दे रहे थे कि आंबेडकर महाराष्ट्र से ताल्लुकात रखते थे, लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ रामजी नहीं जोड़ा गया. राम नाईक ने कहा है कि रामजी ना जोड़कर हम बाबा साहेब का अधूरा नाम लेते आए हैं। इसके बाद अब राज्य के सभी सरकारी कागजातों और रिकॉर्ड्स में बाबा साहेब का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर किया जाएगा।

खबरों के अनुसार यूपी की योगी सरकार ने इस आदेश को मंजूरी दे दी और साथ ही तत्काल राज्य के सभी सरकारी कार्यालयों और उच्च न्यायालय को उनके रिकॉर्ड्स में डॉ. भीमराव अंबेडकर की जगह डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने के लिए कहा है।बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर महासभा के निदेशक डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल का कहना है कि मुख्य बिंदु यह है कि उन्होंने संविधान का निर्माण किया है और उनके नाम का सही उच्चारण होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अंग्रेजी में उनके नाम की स्पेलिंग सही है, लेकिन हिंदी वाक्यों में उनके नाम को गलत तरीके से लिखा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आंबेडकर के पिता का नाम रामजी था।

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