शेन वॉर्न ने सचिन तेंदुलकर पर दिया विवादित बयान, गुस्से में भारतीय क्रिकेट फैंस
नई दिल्लीः ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज स्पिनर शेन वॉर्न ने ताजा बॉल टेंपरिंग मामले पर बहुत कुछ बोला है लेकिन आज कलंकित कंगारू खिलाड़ियों की सजा का जब ऐलान हुआ तब वॉर्न ने कुछ ऐसी बातें बोल दीं जिसने भारतीय फैंस को नाराज किया है। वॉर्न ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक लेख डाला है जिसमें उन्होंने गेंद से छेड़छाड़ वाले ताजा मामले पर अपने विचार सामने रखे हैं। इसी दौरान वॉर्न ने पूर्व महान भारतीय क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर पर भी निशाना साध दिया।
वॉर्न ने अपने अन्य कॉलम व इस लेख के जरिए ये बताने का प्रयास किया कि डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ को जो एक साल प्रतिबंध की सजा मिली वो अधिक है। उनके मुताबिक कलंकित कंगारू खिलाड़ियों के साथ न्याय नहीं हुआ है। इसी लेख में उन्होंने कुछ पूर्व दिग्गजों का हवाला देते हुए अपनी सफाई सामने रखने की कोशिश की और इसी में उन्होंने सचिन को भी घेरा। उन्होंने लिखा, ‘इस सीरीज में विरोधी टीम (द.अफ्रीका) के कप्तान फाफ डु प्लेसी को भी पहले ऐसे मामले में दो बार दोषी पाया गया था। जबकि उन्हीं के तेज गेंदबाज वर्नोन फिलेंडर को भी दोषी पाया गया था। जिन खिलाड़ियों पर आज तक गेंद से छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं, उनकी लिस्ट काफी लंबी है और उसमें सचिन तेंदुलकर और माइक एथर्टन जैसे दिग्गजों के नाम भी शामिल हैं।’
2001 का वो मैच
शेन वॉर्न ने यहां पर सचिन तेंदुलकर के जिस मैच का जिक्र किया है वो 2001 में खेला गया था। 17 साल पहले पोर्ट एलिजाबेथ में खेले गए उस भारत-दक्षिण अफ्रीका टेस्ट मैच में अंपायर माइक डेनेस चर्चा का विषय बने थे जिन्होंने दो विवादों को जन्म दिया था। उस मैच में वीरेंद्र सहवाग, शिव सुंदर दास, दीप दास गुप्ता और स्पिनर हरभजन सिंह पर ज्यादा अपील करने का आरोप लगाया गया था। उनकी सजा मैच प्रतिबंध और 75 फीसदी मैच फीस के रूप में जुर्माना भी शामिल था। वहीं, दूसरा विवाद सचिन तेंदुलकर से जुड़ा था जिनका कुछ पल का वीडियो कैमरामैन ने अपने कैमरे में कद किए थे, जहां ऐसा लगा कि वो गेंद की सीम को खंरोचने का प्रयास कर रहे हैं। मैच के चौथे दिन अंपायर डेनिस ने भारतीय टीम को सूचना दी थी कि वो सचिन पर एक मैच का प्रतिबंध लगा रहे हैं और एक साल के निलंबित कर रहे हैं जबकि कप्तान गांगुली को भी ऐसी ही सजा दी जाएगी क्योंकि वो टीम को नियंत्रण में नहीं रख पा रहे थे। बाद में भारतीय मीडिया और बीसीसीआई ने आईसीसी पर काफी दबाव बनाया और ये भारत से लेकर पूरे विश्व क्रिकेट में एक बड़ा विवाद बन गया। हालांकि बाद में आईसीसी को सचिन व गांगुली के ऊपर लगाया गया प्रतिबंध का फैसला पलटना पड़ा था और दोनों खिलाड़ियों पर लगे आरोप पूरी तरह साबित नहीं हुए थे। बाद में इस मामले की गाज अंपायर डेनिस पर गिरी थी।
अपने खिलाड़ियों का बचाव कर रहे हैं वॉर्न
इस लेख के अलावा वॉर्न ने ‘द हेराल्ड सन’ में अपने कालम में भी काफी बातें ऐसी कहीं जिससे शायद ज्यादातर क्रिकेट फैंस इत्तेफाक नहीं रखेंगे। उन्होंने लिखा, ‘मैं अब भी यह तय नहीं कर पा रहा कि मेरी नजर में सजा क्या होनी चाहिए थी। यह कड़ी होनी चाहिए लेकिन अगर उन्हें एक साल के लिए बाहर किया जाता है तो यह सजा अपराध के अनुसार नहीं है।’ वॉर्न ने कहा कि खिलाड़ियों की शर्मनाक हरकत भारी भरकम जुर्माने की हकदार थी लेकिन 12 महीने का प्रतिबंध काफी अधिक है।उन्होंने कहा, ‘इसमें से भावनाओं को हटा दीजिए। हम सभी नाराज और शर्मसार हैं। लेकिन आपको संतुलित दिमाग की जरूरत है और आपको तब तक किसी को खत्म नहीं करना चाहिए जब तक कि वह खत्म करने का हकदार नहीं हो। उनकी हरकतों का बचाव नहीं किया जा सकता और उन्हें कड़ी सजा देने की जरूरत थी लेकिन मुझे नहीं लगता कि एक साल का प्रतिबंध इसका जवाब है।’
ताजा बॉल टेंपरिंग मामला यूं तो शुरुआती समय में दो खिलाड़ियों (स्टीव स्मिथ और बैनक्रॉफ्ट) के बीच सिमटता नजर आ रहा था लेकिन जैसे-जैसे बात आगे बढ़ी, वैसे-वैसे कई और बातें सामने आईं। इन्हीं बातों में सबसे बड़ा खुलासा ये रहा कि इस पूरे मामले में मुख्य साजिशकर्ता स्मिथ या बैनक्रॉफ्ट नहीं बल्कि डेविड वॉर्नर थे। इसी को देखते हुए अब क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने ये भी घोषणा कर दी है कि डेविड वॉर्नर एक साल का प्रतिबंध काटने के बाद फिर कभी राष्ट्रीय टीम की कप्तानी नहीं कर पाएंगे। स्मिथ और वॉर्नर पर एक-एक साल का प्रतिबंध जबकि बेनक्रॉफ्ट पर 9 महीने का प्रतिबंध लगाया गया है।