PNB घोटाले का असर, छत्तीसगढ़ में 20 फीसदी गिरा हीरा कारोबार
रायपुर। पीएनबी में हुए करीब 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले ने बैंक की साख के साथ ही हीरा कारोबार को भी चोट पहुंचाई है। देश के इस सबसे बड़े बैंकिंग घोटाले को हीरा कारोबारी नीरव मोदी और उसके सहयोगियों ने अंजाम दिया था। जांच में यह भी पता चला था कि नीरव ने कम गुणवत्ता वाले हीरे ऊंचे दाम पर बेचे थे। इस तथ्य ने ग्राहकों को हीरा खरीदने के पहले सतर्कता बरतने पर मजबूर कर दिया है।
हीरा कारोबारियों का कहना है कि राजधानी में हीरा कारोबार 20 फीसद तक गिरा है। ब्रांडेड कंपनी द्वारा कम गुणवत्ता वाले माल दिए जाने की बात सामने आने के बाद ग्राहक खरीदारी से पहले व्यापारी से पूछ रहे हैं कि वे शुद्ध हीरे की पहचान कैसे करें? ब्रांडेड कंपनी ने गलत किया है तो आप पर कैसे भरोसा किया जाए?
ग्राहकों का रवैया बदलने के कारोबारी चिंतित हैं और डिमांड के अनुसार ही माल रखने लगे हैं। हीरा की चमक फीकी पड़ने का फायदा सोना कारोबार को मिला है, हीरे की अपेक्षा सोने की खरीदारी अधिक हो रही है। एटी ग्रुप के डायरेक्टर तिलोकचंद बरड़िया का कहना है कि पीएनबी घोटाले का असर सबसे अधिक ब्रांडेड कंपनियों के डायमंड पर पड़ा है। ग्राहक इन्हीं पर संदेह कर रहे हैं। पुराने ट्रेडिशनल ज्वेलरी पर विशेष प्रभाव नहीं पड़ा है।
एसोचैम ने भी मानी गिरावट की बात
व्यापारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उद्योग संगठन एसोचैम ने इस बात को स्वीकार किया है कि ब्रांडेड आभूषण निर्माता शुद्धता का सर्टिफिकेट देते हैं, लेकिन बहुत बड़ा असंगठित बाजार भरोसे पर चलता है। ग्राहक का विक्रेता पर भरोसा ही अहम कड़ी होता है, जिस पर घोटाले का बुरा असर पड़ा है।
एसोचैम की सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्राहकों का भरोसा डगमगाया है। जो नकारात्मक बातें सामने आई हैं, उसे देखते हुए ग्राहक कोई दांव नहीं खेलना चाहते। सर्वे में चारों महानगरों के साथ ही बड़े-बड़े शहरों के 350 आभूषण विक्रेताओं को शामिल किया गया है।
साथ ही घरेलू और कामकाजी महिलाओं से बात की गई है। बड़े पैमाने पर असंगठित क्षेत्र के आभूषण विक्रेता सोने-चांदी की ओर रुख कर रहे हैं, क्योंकि हीरे की शुद्धता को लेकर ग्राहकों के मन में शंका ने जगह बना ली है।