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कोरबा के हेमंत ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर फहराया तिरंगा, माइनस 29 डिग्री पर किया योग

कोरबा। अफ्रीका के सबसे ऊंचे माउंट किलिमंजारो की चोटी पर तिरंगा लहराकर कोरबा के हेमंत गाड़ेश्वर ने न सिर्फ छत्तीसगढ़ का बल्कि पूरे देश का नाम रोशन किया है। 5895 मीटर ऊंचे हिमशिखर पर माइनस 29 डिग्री सेल्सियस तापमान में हेमंत ने योग भी किया।

अनुभवी पर्वतारोही जहां इस खतरनाक रास्ते को अमूमन 13-15 दिनों में तय करते हैं, तो वहीं हेमंत ने इसे महज 5 दिनों में पूरा किया। हेमंत 26 फरवरी की सुबह करीब 11 बजे माउंट किलिमंजारो के शिखर उहुरू पीक की यात्रा शुरू की थी। उसी शाम करीब 1800 मीटर की ऊंचाई पर उन्होंने पहले बेस पर समिट किया। इसी तरह एक-एक कर उन्होंने 2835 मीटर, 3995 मीटर तक चढ़ाई की।

खराब मौसम को पार करते हुए 1 मार्च शाम तकरीबन 5 बजे हंमेत बराफू कैम्प पहुंचे जो कि तकरीबन 4,673 मीटर ऊंचाई पर है। हेमंत ने लक्ष्य तक पहुंचने करीब 5 दिन का कठिन सफर किया। रूस इंग्लैंड, अमेरिका समेत विश्वभर से आए 55 विदेशी पर्वतारोहियों की टीम उनसे पहले निकली थी, जो उहुरू पीक पर पहुंचने के अपने अभियान को आधे रास्ते में छोड़ वापस लौट गई। पर उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।

शेरपा के मना करने के बाद भी हेमंत ने अपना अभियान जारी रखा। बहुत खराब मौसम पर भी हेमंत क्लाइंब कर 5,756 मीटर की ऊंचाई पर स्टेला पॉइंट पर पहुंचे। यहां का तापमान माइनस 29 ℃ था। 02 मार्च 2018 की सुबह 8:30 बजे हेमंत उहुरू पीक – जो कि तकरीबन 5,895 मीटर पर है ( अफ्रीका महाद्वीप का सबसे ऊंचा पॉइंट) तिरंगा फहरा दिया ।

हेमंत के संघर्ष को देखते हुए इस बड़े अभियान के लिए पिता और कुछ लोगों ने आर्थिक रूप से मदद की, हेमंत ने सभी का धन्यवाद दिया है। हेमंत प्रदेश के अनुभवी पर्वतारोही हैं। उनका कहना है कि सरकार अगर इस दिशा में ध्यान दे तो छत्तीसगढ़ से और बेहतरीन पर्वतारोही निकल सकते हैं।

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