लोया केस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हमें किसी प्रमाण की जरूरत नहीं
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न्याय हमारे हृदय और हमारी अंतरात्मा में है। इसके लिए हमें किसी वकील (बहस करने वाले) से प्रमाणपत्र की जरूरत नहीं है। शीर्ष अदालत ने गुरुवार को यह टिप्पणी की, जब उनसे वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे ने कहा कि, ‘आखिर जज लोया केस में मौत की परिस्थितियों पर संदेह उठाए जाने के बाद पीठ की ओर से सफाई क्यों दी जाती है।’
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ जज लोया की मौत की निष्पक्ष जांच वाली याचिका पर सुनवाई कर रही है।
इसी दौरान याचिकाकर्ता संगठन बांबे लॉयर्स एसोसिएशन के वकील दवे ने आपत्ति जताई कि आखिर पीठ यह क्यों बता रही है कि जय लोया को अस्पताल ले जाने के लिए चीफ जस्टिस की कार या बांबे हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार की कार का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया।
इस पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम वकील से वह सवाल जरूर पूछेंगे, जो हम जानना चाहते हैं। हम वकीलों की सलाह पर नहीं चलेंगे। न्याय हमारे हृदय और हमारी अंतरात्मा में हैं। हमें इसके लिए किसी वकील के प्रमाणपत्र की दरकार नहीं है।’