कर्नाटक में राहुल गांधी आजमाएंगे गुजरात फॉर्मूला, मंदिर और दरगाह के आगे झुकाएंगे सिर
राहुल गांधी का कर्नाटक दौरा इस बात का संकेत दे रहा है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, गुजरात फार्मूले को आजमाने वाली है। राहुल गांधी 10 से 13 फरवरी तक कर्नाटक के दौरे रहेंगे। चार दिवसीय दौरे की शुरुआत राहुल गांधी,हैदराबाद-कर्नाटक के कोप्पल से करेंगे। यहां वह जनसभा को संबोधित करने के बाद हुल्लीगेमा मंदिर में पूजा करने के लिए जाएंगे। इसके बाद लिंगायतों के प्रसिद्ध सिद्धेश्वर मठ के दर्शन करेंगे। इसी मठ से एक रास्ता शिव मंदिर के लिए जाता है। जहां लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस इलाके में लिंगायत जाति के लोगों की संख्या ज्यादा है। लिंगायत वोटर्स के दिल में अपनी जगह बनाने के लिए राहुल का यह दांव बीजेपी के लिए परेशानी बन सकता है। क्योंकि इस इलाके में लिंगायत के अलावा कुरूबा और मुस्मिल जाति के लोग रहते हैं। और अब तक दोनों का समर्थन कांग्रेस पार्टी के पक्ष में रहा है।
राहुल गांधी के इस दौरे में कलबुर्गी की ख्वाजा बंदे की नवाज दरगाह और बिदर के अनुभव मंटप्प का नाम भी शामिल है। राहुल 12 को कुलबर्गी और 13 फरवरी को अनुभव मंटप्प में होंगे। राहुल के दौरे के पहले ही बीजेपी ने इस पर सियासी घेराबंदी शुरू कर दी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बी एस येदियुरप्पा ने राहुल के दौरे पर चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस को अब हिंदुत्व का एहसास हो रहा है। लेकिन उनकी इस कोशिश से कोई फायदा नहीं होन वाला, जनता सब जानती है।
कांग्रेस की नजर लिंगायत वोटों पर है। सिद्धरमैय्या को उम्मीद है कि अगर लिंगायतों का दिल जीतने में कामयाब हो गए तो हैदराबाद-कर्नाटक के साथ-साथ कांग्रेस को उत्तर कांग्रेस में भी मजबूती मिलेगी। राहुल गांधी के दौरों में मठ-मंदिर का जिक्र आने पर कांग्रेस के प्रदेश चुनाव समिति के अध्यक्ष डी शिवकुमार ने कहा कि रास्ते में आने वाले मंदिर, मठ, मजार और गुरुद्वारे में जाने में क्या हर्ज? हम समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना चाहते हैं।