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पीएम मोदी का कांग्रेस पर तीखा हमला, आपके जहर की कीमत देश चुका रहा है

नई दिल्ली: बजट सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया और इस दौरान विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. इस हंगामे के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति का भाषण किसी दल का नहीं होता है, राष्ट्रपति के भाषण का सम्मान होना चाहिए. सिर्फ विरोध के लिए विरोध करना कितना उचित है? उन्‍होंने कहा कि 34 सदस्‍यों ने अपने विचार रखे और सदन में सार्थक चर्चा हुई.

पीएम मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आपके जहर की कीमत देश चुका रहा है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस को लगता है कि देश का जन्‍म 15 अगस्‍त 1947 में हुआ था उससे पहले देश था ही नहीं. हंगामा करने वाले सांसदों से उन्‍होंने कहा कि आपको विरोध करने का हक है लेकिन सदन का बंधक बनाने का हक नहीं है. उन्‍होंने कहा कि आपने (कांग्रेस) मां भारती के टुकड़े कर दिए उसके बाद भी ये देश आपके साथ खड़ा रहा था. उन्‍होंने कहा कि लिच्‍छवी गणराज्‍य के समय से लोकतंत्र हैं.

पीएम मोदी ने कहा कि पंचायत से पार्लियामेंट तक आपका झंडा था लेकिन आपने पूरा समय एक परिवार के गीत गाने में बिता दिया, आपने जिम्मेदारी के साथ काम किया होता तो इस देश की जनता में सामर्थ था कि ये देश आज जहां है इस से कई गुना आगे होता.

वेल में आकर आंध्र कांग्रेस के सांसद कर रहे हैं हंगामा. इस पर पीएम मोदी ने कहा कि आपके उत्‍पात की सजा हिंन्‍दुस्‍तान को मिली. आंध्र की हड़बड़ी का नतीजा है समस्‍या. पीएम मोदी ने कहा कि आपके (कांग्रेस) चरित्र में है ये कि जब भारत के टुकड़े किये आपने, जो जहर बोया. आज़ादी के 70 साल बाद भी, एक दिन भी ऐसा नहीं जाता है जब देश को आपके पाप का नुकसान उठाना नहीं पड़ता है. उन्‍होंने कहा कि मैं नहीं जनता कि कर्नाटक चुनाव के बाद खड़गे जी इस स्थान पर होंगे की नहीं होंगे, हो सकता है कल का उनका भाषण उनकी फेयरवेल स्पीच हो.

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सदन में सोमवार से चर्चा की शुरू हुई. प्रधानमंत्री के जवाब के बाद प्रस्ताव को सदन में पारित कराया जाएगा जहां भाजपा नीत सरकार को बहुमत है. सूत्रों ने बताया कि सरकार गुरुवार को कुछ महत्वपूर्ण विधेयक पेश कर सकती है. लोकसभा में सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘पकौड़े बेचने वालों’’ से संबंधित टिप्पणी का मुद्दा प्रमुखता से उठा. विपक्षी दलों ने जहां इस बयान को लेकर रोजगार के मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा करने का प्रयास किया, वहीं भाजपा ने आरोप लगाया कि विपक्षी दल ‘‘पकौड़े बेचने वालों’’ का अपमान कर रहे हैं.

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