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भारत के ‘ओसामा बिन लादेन’ अब्दुल कुरैशी के पिता ने बेटे को लेकर यह कहा

भारत का ओसामा बिन लादेन के नाम से कुख्यात अब्दुल सुभान कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद पिता का बयान आया है। उन्होंने अब्दुल के आतंकी होने की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने एएनआइ से बातचीत में कहा कि अब्दुल सुभान कुरैशी कभी भी किसी आतंकी वारदात में शामिल नहीं रहा है।

यहां पर बता दें कि गुजरात में 2008 में हुए सीरियल धमाकों के मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल सुभान कुरैशी को गणतंत्र दिवस से छह दिन पहले एक मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया था।

पुलिस ने सोमवार को बताया था कि भारत का ओसामा बिन लादेन के नाम से कुख्यात कुरैशी की गिरफ्तारी पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर से शनिवार को हुई। उसे 14 दिन के लिए पुलिस हिरासत में लिया गया है। अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए 20 विस्फोटों में 56 लोग मारे गए थे और 200 घायल हुए थे। इनकी जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) ने ली थी।

कुरैशी आइएम का सह-संस्थापक तथा स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) से जुड़ा रहा है। उस पर चार लाख का इनाम था। गुजरात सहित पांच राज्यों में हुए धमाकों का मास्टरमाइंड कुरैशी, लंबे समय से विदेश में रह रहा था।

स्पेशल सेल के पुलिस उपायुक्त पीएस कुशवाहा के मुताबिक सिमी को फिर से खड़ा करने के इरादे से कुरैशी भारत लौटा था। सूचना थी कि 20 जनवरी को एक सहयोगी से मिलने गाजीपुर आएगा। इसके बाद एसीपी गोविंद शर्मा की टीम ने गाजीपुर स्थित पेपर मार्केट के समीप सेंट्रो कार से जा रहे कुरैशी को मुठभेड़ के बाद धर दबोचा।

इस्लाम व जिहाद के नाम पर बेरोजगार युवकों को भड़काकर उन्हें आतंकी बनाने में कुरैशी को महारत हासिल है। अपने भाषण से वह समुदाय विशेष के युवकों को जल्द आकर्षित कर लेता था। अंग्रेजी माध्यम के अच्छे स्कूल से पढ़े कुरैशी ने कई कंपनियों में बतौर आइटी इंजीनियर काम भी किया।

कुरैशी का क्राइम रिकॉर्ड

-2007-08 में सिमी के चार ट्रेनिंग कैंप मप्र में बनाए थे।

-फर्जी दस्तावेजों के सहारे नेपाल में छिपा हुआ था।

– आइएम व सिमी के लिए ‘आतंकी फंडिंग’ को दो साल सऊदी में रहा।

-21 अगस्त, 2001 को सिमी के संस्थापकों में से एक सफदर नागौरी के साथ एक कॉन्फ्रेंस में शामिल हुआ था

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