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छत्तीसगढ़ में पत्रकारिता करना मुश्किल, कांग्रेस के लिए काम करने से घबराई सरकार : विनोद वर्मा

छत्तीसगढ़ के मंत्री की कथित सेक्स सीडी के मामले में गिरफ्तार विनोद वर्मा को जमानत मिल गई है. 60 दिनों की अवधि के अंदर चालान नहीं पेश किए जाने की वजह से अदालत ने एक लाख के बॉन्ड पर विनोद वर्मा को जमानत दे दी. जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर आते ही विनोद वर्मा ने कहा, मैं कांग्रेस के लिए बतौर कंसल्टेंट काम कर रहा हूं, जहां ट्रेनिंग कैम्प को लेकर जो तिलमिलाहट बीजेपी के अंदर है, उसकी खबर मुझे है. बतौर पत्रकार, प्रोफेशनल मैं काम कर रहा हूं जिसे लेकर सरकार को तकलीफ है, लेकिन उसका ऐसा नतीजा नहीं आना चाहिए. वर्मा ने ये भी कहा कि उन्होंने सीबीआई को अंतागढ़ से लेकर झीरम घाटी तक की पूरी जानकारी दी है.

ब्लैकमेलिंग के आरोपों को लेकर उठे सवाल पर वर्मा ने कहा, मेरे पास तीन फोन नंबर हैं, एक घर का नंबर है. सभी नंबर सीबीआई के पास है. फोन कॉल डिटेल में मेरी ओर से किसी भी तरह से कोई कॉल करने की कोई जानकारी नहीं है. मैं पूरी उम्मीद करता हूं कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी. विनोद वर्मा की जमानत पर नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव ने कहा कांग्रेस पार्टी की ये नैतिक जीत है. सरकार के पास कोई सबूत या गवाह नहीं है, पूरा मामला राजनीतिक षड्यंत्र का है, हमें न्याय प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है.

छत्‍तीसगढ़ सरकार के मंत्री राजेश मूणत ने 27 अक्टूबर 2017 को रायपुर के सिविल लाइन थाने में विनोद वर्मा और भूपेश बघेल के खिलाफ शिकायत की थी. इसके बाद सरकार ने कथित सेक्स सीडी की जांच सीबीआई को सौंपने का निर्णय लिया. सरकार के आवेदन के बाद ही सीबीआई ने जांच शुरू की. मंत्री का आरोप है कि भूपेश बघेल व अन्य ने उनके नाम की झूठी सेक्स सीडी लोगों को बांटी है.

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